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टीवी पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रमों की निजी स्कूलों से फीस वसूलेगा शिक्षा विभाग

क‌र्फ्यू और लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में विद्यार्थियों को ऑनलाइन एजुकेशन दी जा रही है। यही नहीं केंद्र और राज्य सरकारों ने टेलीविजन के जरिये भी कक्षाएं शुरू कीं।

By Edited By: Published: Mon, 25 May 2020 04:00 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 10:05 AM (IST)
टीवी पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रमों की निजी स्कूलों से फीस वसूलेगा शिक्षा विभाग
टीवी पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रमों की निजी स्कूलों से फीस वसूलेगा शिक्षा विभाग

लुधियाना, [राजेश भट्ट]। क‌र्फ्यू और लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में विद्यार्थियों को ऑनलाइन एजुकेशन दी जा रही है। यही नहीं केंद्र और राज्य सरकारों ने टेलीविजन के जरिये भी कक्षाएं शुरू कीं। राज्य शिक्षा विभाग ने भी अपने अध्यापकों से लेक्चर तैयार कर दूरदर्शन जालंधर के माध्यम से टीवी पर प्रसारण शुरू किया। यह प्रसारण शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के पास इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने के कारण लिया, लेकिन विभाग अब इस प्रसारण की एवज में निजी स्कूलों से फंड वसूलने की तैयारी कर रहा है।

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 इसके लिए शिक्षा विभाग ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को हिदायतें भी जारी कर दी हैं और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने भी निजी स्कूलों से फंड वसूलने को मंजूरी दे दी। अब बोर्ड स्कूलों से कितना फंड वसूलेगा, इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड व शिक्षा विभाग के आला अफसरों के बीच कुछ दिन पहले बैठक में ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम पर चर्चा हुई। इसमें विभाग के अफसरों ने प्रस्ताव रखा कि टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों का फायदा निजी स्कूलों के विद्यार्थी भी ले रहे हैं। इसलिए निजी स्कूलों के विद्यार्थियों से इस कार्यक्रम के पैसे वसूले जाएं। 

इस पर फैसला लिया गया कि इन कार्यक्रमों के प्रसारण की फीस निजी स्कूलों से एकमुश्त ली जाए। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने भी इस प्रस्ताव को पास कर दिया। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अभी तक यह तय नहीं किया कि फीस कितनी होगी। 

बोर्ड के फैसले का निजी स्कूलों ने किया विरोध

उधर, बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ निजी स्कूलों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। स्कूल संघ पंजाब के अध्यक्ष जनार्दन भट्ट का कहना है कि शिक्षा विभाग ने यह कार्यक्रम सरकारी स्कूलों के उन विद्यार्थियों के लिए शुरू किया था जिनके पास इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी इसे फ्री में देख रहे थे तो निजी स्कूल के विद्यार्थियों से इसके बदले फीस वसूलना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि एक तरफ निजी स्कूलों को फीस लेने से रोका जा रहा है, दूसरी तरफ स्कूलों पर नए खर्च बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में यह फैसला लिया गया है। जब बोर्ड इसका नोटिफिकेशन जारी करेगा तो इस संबंध में स्कूल संचालक अपनी आपत्ति दर्ज करवाएंगे।

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