NRC का मुख्य मकसदः अमर, अकबर, एंथोनी को मिलेगा बाप
पोस्ट कर लिखा है कि एनआरसी लाने का मुख्य मकसद है कि जब अमर अकबर एंथोनी तीनों अपने कागजात ढूंढ़ेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि तीनों का बाप किशन लाल ही है।
लुधियाना [अर्शदीप समर]। राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर केंद्र सरकार को लगातार विरोधी दल के नेता घेरने में जुटे हुए हैं। पिछले काफी दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग में लोग प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं। रोजाना विरोधियों की तरफ से केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा जा रहा है। वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री सतपाल गोसाईं के पोते और युवा भाजपा के सीनियर नेता अमित गोसाईं ने एनआरसी पर एक पोस्ट तैयार कर अपने फेसबुक वॉल पर डाल दी। इसमें अमित गोसाईं ने एनआरसी को फिल्म अमर, अकबर, एंथोनी के साथ जोड़ दिया। उन्होंने पोस्ट कर लिखा है कि एनआरसी लाने का मुख्य मकसद है कि जब अमर, अकबर एंथोनी तीनों अपने कागजात ढूंढ़ेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि तीनों का बाप किशन लाल ही है। इस पोस्ट को एफबी पर डालते ही कई ने तो स्माइली इमोजी डाली तो कई ने जमकर कॉमेंट्स किए।
दहशत में पुलिस कर्मी
सूबे में कैप्टन सरकार की नशे पर सख्ती के मद्देनजर सीपी राकेश अग्रवाल ने भी पुलिस मुलाजिमों पर नशीले पदार्थों के सेवन को लेकर नकेल कस दी है। आदेश जारी किए हैं कि कोई मुलाजिम नशा करता या नशा तस्करों का साथ देता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी पुलिस मुलाजिम की शिकायत मिली कि वह नशा करता है तो उसका डोप टेस्ट भी करवाएंगे। आदेश आते ही कई पुलिस मुलाजिमों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। क्योंकि कुछ मुलाजिम छिपकर मामूली नशा कर लेते हैं, लेकिन अब उन्हें डर है कि अगर किसी ने उनकी शिकायत कर दी तो विभाग उनका डोप टेस्ट भी करवा सकता है और नौबत उनकी नौकरी तक जाने की भी आ सकती है। इसी के चलते कुछ मुलाजिमों ने तो नशे से काफी दूरी बना ली है। लोग भी ऐसे मुलाजिमों पर लगातार नजरें रख रहे हैं।
जब डर गए पुलिस कर्मी
दुष्कर्म मामले में किन्नरों के ड्राइवर को गिरफ्तार करने के बाद भारी संख्या में किन्नर ढंडारी चौकी पहुंच गए। उन्होंने चौकी के अंदर कपड़े उतारने शुरू कर दिए और प्रदर्शन करने लगे। चौकी में मौजूद मुलाजिमों को प्रदर्शन देख शर्म महसूस होने लगी। क्योंकि जिस तरह किन्नर प्रदर्शन कर रहे थे, कोई भी मुलाजिम उनके बीच में जाकर उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। आखिर में जब किन्नरों ने प्रदर्शन बंद नहीं किया तो उन्होंने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी, जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और हल्का बल प्रयोग कर उनको चौकी से खदेड़ दिया। चौकी में मौजूद पुलिस मुलाजिमों का कहना था कि ऐसा पहली बार हुआ कि किन्नरों ने आकर चौकी में इस तरह से प्रदर्शन किया हो, जिस कारण उन्हें पहले समझ ही नहीं आ रहा था कि प्रदर्शन कर रहे किन्नरों पर किस तरह काबू पाया जाए।
कोई नहीं मिला गिल से
नशा तस्करों को पकडऩे के बाद रिश्वत लेकर छोडऩे वाले पूर्व एसएचओ अमनदीप सिंह गिल को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल अब उसे जेल भेज दिया गया है। थाना डिवीजन दो के एसएचओ होते समय गिल को मिलने वालों का तांता लगा रहता था। उसके गांव से भी कई लोग उसे थाने में मिलने आते थे, लेकिन वक्त का तकाजा देखिए, जब से एसटीएफ ने नशा तस्करों के साथ संबंध होने के मामले में गिल को गिरफ्तार किया है तब से एक भी व्यक्ति उससे मुलाकात करने नहीं पहुंचा। इसके अलावा अदालत में पेशी के दौरान भी गिल से कोई मिलने नहीं आया। यह देख खुद एसटीएफ अफसर हैरान हैं। उनका कहना है कि सभी को डर है कि कहीं गिल को मिलने गए तो उनका नाम भी नशा तस्करी के साथ न जुड़ जाए, क्योंकि कोई भी व्यक्ति ऐसे गंभीर मामले में नहीं आना चाहता।