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सावधान, सिविल अस्पताल में इलाज करवाने तो कहीं संक्रमण न ले जाएं

कोरोना महामारी महानगर में पैर पसार रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 01:19 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 01:19 AM (IST)
सावधान, सिविल अस्पताल में इलाज करवाने तो कहीं संक्रमण न ले जाएं
सावधान, सिविल अस्पताल में इलाज करवाने तो कहीं संक्रमण न ले जाएं

जासं, लुधियाना : कोरोना महामारी महानगर में पैर पसार रही है। केंद्र सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक के तमाम अधिकारी पिछले तीन महीने से लोगों को कोरोना से बचाव के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की नसीहत दे रहा हैं। मगर दीये तले अंधेरा की कहावत तो आपने सुनी होगी। यह सेहत विभाग पर सटीक बैठती है। जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल का हाल देखिए। जहां पर पूरे जिले से रोजाना सैकड़ों लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं, वहीं पर संक्रमण को फैलने के लिए लापरवाही बरती जा रही है।

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सिविल अस्पताल के कोविड आइसोलेशन सेंटर के पास खुले में बायो मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है। इस मेडिकल वेस्ट में इस्तेमाल किए गए ग्लव्ज, सर्जिकल मास्क, थ्री प्लाई मास्क, एन 95 मास्क, पट्टियां, सिरिजें, खाली बोतलें सहित अन्य तरह का मेडिकल कचरा शामिल है। यह कचरा काफी दूर तक फैला हुआ है। यहीं नहीं, खुले में पड़े बायो मेडिकल वेस्ट के बीच आवारा कुत्ते मुंह मारते हैं और कचरे को मुंह में लेकर एक से दूसरी जगह पर ले जा रहे हैं। अधिकारी तो रोजाना निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के प्रबंध का दावा करते हैं मगर वहां पर जागरण टीम ने पड़ताल की तो सभी दावे इसके विपरीत दिखे। यह घोर लापरवाही तब है, जब स्वास्थ्य विभाग के किसी भी स्थिति में बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में न फेंकने के सख्त निर्देश हैं। निस्तारण के नियम भी तय किए गए है। इसके बावजूद भी बायो मेडिकल वेस्ट के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। जहां वेस्ट फेंका गया, वहीं मोर्चरी और वेटिग एरिया

सिविल अस्पताल में जिस स्थान पर बायो मेडिकल वेस्ट फेंका गया है, उसके ठीक साथ मोर्चरी है। मोर्चरी में दिनभर सेहत कर्मियों और लोगों का आना-जाना लगा रहता है। मोर्चरी के साथ ही वेटिग एरिया भी बनाया गया है। यहां दिन के समय दस से पंद्रह लोग बैठे रहते हैं। ऐसे में यहां बैठे रहने वाले लोगों को संक्रामक बीमारियां होने का खतरा हो सकता है। यह वेस्ट कहीं आइसोलेशन सेंटर का तो नहीं?

मोर्चरी के पास जिस तरह ग्लव्ज, सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क फेंके गए है, उससे यह संभावना जताई जा रही है कि यह बायो मेडिकल वेस्ट कहीं आइसोलेशन सेंटर का तो नहीं है, क्योंकि पास में ही आइसोलेशन सेंटर भी है। अगर ऐसा हुआ, तो यहां से संक्रमण फैलने का अधिक खतरा हो सकता है। आइसोलेशन सेंटर में रोजाना बड़ी तादाद में कोरोना संदिग्ध मरीज सैंपल देने के लिए आते हैं। वेस्ट खुले में फेंकना गलत, खुद मौका देखूंगी: एसएमओ

सिविल अस्पताल की एसएमओ डॉ. अमरजीत कौर ने कहा कि अस्पताल के कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। कोरोना के कचरे के निस्तारण के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार व्यापक प्रबंध किए गए है। गाइडलाइन के अनुसार ही कोविड के कचरे का निस्तारण हो रहा है। इसी तरह अस्पताल से निकलने वाले दूसरे बायो मेडिकल के निस्तारण के भी प्रबंध किए गए हैं, लेकिन अगर सिविल अस्पताल परिसर में कहीं बायो मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है, तो यह बिल्कुल उचित नहीं है। वह खुद उस जगह खुद जाकर देखेंगी। जिन्होंने इस कचरे को फेंका है, उन पर कार्रवाई की जाएगी। पीपीसीबी के चीफ इंजीनियर ने कहा, यह बड़ी लापरवाही, जांच करवाएंगे

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) लुधियाना के चीफ इंजीनियर गुलशन राय ने कहा कि मास्क, ग्लब्ज, सिरिज, पट्टियां बायो मेडिकल वेस्ट की श्रेणी में आते हैं। इसे खुले में नहीं फेंका जा सकता। अगर सिविल अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है, तो यह बड़ी लापरवाही है। इसकी जांच करवाई जाएगी, क्योंकि इस लापरवाही से संक्रमण फैलने के साथ अन्य बीमारियां भी फैल सकती हैं।


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