बैंस बंधुओं की शिअद के खिसके आधार पर नजर, ढींडसा से मिला सकते हैं हाथ
लैंड बैंक एक्ट के विरोध में जन आंदोलन शुरू करने वाले लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के बैंस बंधुओं सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस की कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना वाली सियासत है।
खन्ना, [सचिन आनंद]। पंचायती जमीनें उद्योगों को देने के लिए पंजाब सरकार द्वारा बनाए गए लैंड बैंक एक्ट के विरोध में जन आंदोलन शुरू करने वाले लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के बैंस बंधुओं सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस की कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना वाली सियासत है। अभियान के तहत एक तीर से बैंस बंधू कई निशाने लगा रहे हैं। पहले वे पंचायती जमीन के सहारे पंजाब भर में अपनी सियासी जमीन तलाशेंगे। इसके साथ ही गांवों में खिसके शिरोमणि अकाली दल बादल के वोट बैंक को भी अपनी तरफ खींचने की कोशिश करेंगे।
शनिवार को खन्ना के गांव भुमद्दी में पहुंचे दोनों बैंस बातों ही बातों में कई सियासी संकेत दे गए। सिमरजीत बैंस ने सुखदेव सिंह ढींडसा के साथ हाथ मिलाने के संकेत भी दिए और कहा कि पंचायची जमीनों के मामले में वह जल्द ही ढींडसा परिवार से मुलाकात कर उनका समर्थन मांगेंगे। बैंस ने कहा कि अकाली और कांग्रेस से दुखी पंजाब की जनता को एक ऐसा विकल्प देना चाहते हैं जिस पर जनता विश्वास कर सके।
ढींडसा की तारीफ में गढ़े कसीदे
बैंस ने ढींडसा की तारीफों में कसीदे भी गढ़े। उन्होंने कहा कि सुखदेव ढींडसा के बाद परमिंदर सिंह ढींडसा अब अकाली दल के बड़े दिग्गज नेता बादल परिवार को छोड़ेगे। ढींडसा परिवार पंजाब के लिए कुर्बानियां देने वाले अकाली दल को बादल परिवार के शिकंजे से आजाद कराना चाहता है। लुटेरा परिवार का अब अकाली दल पर कब्जा नहीं रहेगा।
बड़े बैंस ने भी दिए संकेत
विधायक बलविंदर सिंह बैंस ने भी इस आंदोलन से लिप को पंजाब में राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की बात की। उन्होंने कहा कि जब लिप पंजाब की सत्ता पर काबिज होगी और सिमरजीत मुख्यमंत्री बनेंगे तो बादल, कैप्टन व अन्य की गलत ढंग के साथ एकत्रित की जायदाद वापस पंचायतों को दी जाएगी।
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