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पंचायत चुनाव : प्रचार के दौरान चिट्टे को लेकर भिड़े अयाली और बिट्टू

जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव की शुरुआत में ही नशे और बेअदबी का मुद्दा गर्माने लगा है। शिरोमणि अकाली दल और काग्रेस नेता चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे को नशे के मुद्दे में घेरने में जुटे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 01:02 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 02:17 PM (IST)
पंचायत चुनाव : प्रचार के दौरान चिट्टे को लेकर भिड़े अयाली और बिट्टू
पंचायत चुनाव : प्रचार के दौरान चिट्टे को लेकर भिड़े अयाली और बिट्टू

अर्शदीप समर, लुधियाना : जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव की शुरुआत में ही नशे और बेअदबी का मुद्दा गर्माने लगा है। शिरोमणि अकाली दल और काग्रेस नेता चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे को नशे के मुद्दे में घेरने में जुटे हुए हैं। जहा काग्रेसी नेता पूर्व शिअद सरकार के दौरान पंजाब में फैले नशे को चुनाव में उछाल रही है। वहीं, शिअद नेता भी काग्रेस को नशे के मुद्दे पर ही घेरने कोशिश कर रही है। मामला उस समय गरमा गया जब मुल्लापुर में चुनाव प्रचार कर रहे काग्रेस सासद रवनीत सिंह बिंट्टू और शिअद के सीनियर नेता व पूर्व विधायक मनप्रीत सिंह अयाली चिंट्टे के मुद्दे को लेकर आपस में भिड़ गए। दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे पर चिंट्टा बेचने वाले तस्करों को समर्थन करने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं इस दौरान दोनों पार्टियों को समर्थकों ने भी एक-दूसरे के नेता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मामला इतना गर्मा गया कि समर्थकों की आपस में भिड़ने की नौबत तक आ गई थी, लेकिन बाद में दोनों ही नेता मौके से चले गए। बेअदबी और 84 के दंगों पर भी गर्माई राजनीति

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जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के दौरान बेअदबी और 1984 के दंगों का मामला भी पूरी तरह से गर्मा गया है। सासद बिंट्टू ने प्रचार के दौरान शिअद को बेअदबी काड में घेरने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के लोग बेअदबी काड को लेकर काफी आहत हैं और इसके लिए वह कभी भी शिअद को माफ नहीं करेंगे। वहीं, अकाली दल के सीनियर नेता मनप्रीत सिंह अयाली ने कहा कि काग्र्रेस पार्टी ही 1984 दंगों की मुख्य दोषी है, जिसके कारण सैकड़ों सिखों का कत्लेआम हुआ। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग इस काड को कभी भी भुला नहीं पाए। नगर कौंसिल चुनाव में भी भिड़े थे बिंट्टू और अयाली समर्थक

एक साल पहले नगर कौंसिल चुनाव के दौरान भी सासद रवनीत सिंह बिंट्टू और पूर्व विधायक मनप्रीत सिंह अयाली आमने सामने हो गए थे। इस दौरान दोनों में जमकर बहस भी हुई थी और उसके बाद दोनों के समर्थक आपस में भिड़ गए थे, जिसमें दोनों पक्षों के समर्थकों को मामूली चोटें भी आई थीं। इस दौरान शिअद नेताओं ने काग्र्रेस सरकार पर धक्केशाही करने का आरोप भी लगाया था।

पिछले लोस चुनाव में भी आमने-सामने थे दोनों नेता

पिछले 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान भी सासद रवनीत सिंह बिट्टू और पूर्व विधायक मनप्रीत सिंह अयाली आमने-सामने थे। इस चुनाव में काग्र्रेस से रवनीत सिंह बिंट्टू, अकाली दल से मनप्रीत सिंह अयाली, आप से एचएस फूलका और आजाद सिमरजीत सिंह बैंस मुख्य उम्मीदवार थे। इस चुनाव में बिंट्टू ने जीत हासिल की थी और फूलका दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं, अयाली तीसरे और बैंस चौथे स्थान में आए थे। लोस चुनाव से ही बिंट्टू और अयाली एक दूसरे के आमने-सामने भिड़ते आ रहे हैं। मुल्लापुर दाखा में पुलिस ने किए सुरक्षा इंतजाम कड़े

जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के दौरान सभी पार्टियों की नजर मुल्लापुर दाखा की तरफ है। क्योंकि सासद बिंट्टू और पूर्व विधायक अयाली शुरू से ही एक-दूसरे के खिलाफ खुल कर बोलते आए हैं। पुलिस अधिकारियों का भी मानना है कि मुल्लापुर के अधिकतर बूथ संवेदनशील हैं, जिनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुल्लांपुर में सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं।


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