जाति से नहीं, कर्म से महान बनता है इंसान: अरुण मुनि
हमारे जीवन में माता-पिता का बहुत बड़ा उपकार होता है।
संस, लुधियाना : हमारे जीवन में माता-पिता का बहुत बड़ा उपकार होता है। उन्होंने एक मिट्टी के ढेले को घड़कर, पालन पोषण कर इतना बड़ा किया। पढ़ा-लिखाकर एक सुयोग्य इंसान बनाया है। ऐसे अनंत उपकार का सदा आदर नमन करना चाहिए। यह पंक्तियां एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस संघशास्ता श्री सुदर्शन लाल म. के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव अरुण मुनि महाराज ने प्रार्थना सभा में व्यक्त किए।
अरुण मुनि ने कहा कि शराब और मांस का सेवन कभी नहीं करना चाहिए। अपना खान-पान सदा शुद्ध और सात्विक होना जरूरी है, क्योंकि जैसा खाएं अन्य वैसा होवे मन, जैसा पियो पानी वैसी बोए वाणी। गलत दोस्तों से सदा बचकर रहने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में अच्छाई और बुराई आने के मूल कारण है, संगति। बुरे दोस्तों के बीच में रहेंगे तो बहुत सी बुराई स्वत: ही आ जाती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जन्म या जाति से महान नहीं होता, अपितु कर्म से महान होता है। उन्होंने कहा कि कर्म से ब्राह्मण होता है, कर्म से क्षत्रिय होता है, कर्म से वैश्य होता है और कर्म से ही शुद्र होता है। उच्च कर्मो को करने के कारण ही शुद्र भी पूज्य है। भगवान महावीर का पुरुषार्थ और कर्म सिद्धांत आधुनिक युग में भी महत्वपूर्ण है।
लोगस्स स्त्रोत के पाठ से कैंसर की बीमारी हो गई ठीक
एसएस जैन स्थानक सेक्टर-39 में रमेश मुनि, मुकेश मुनि और मुदित मुनि सुखसाता विराजमान हैं। गुरुदेव ने कहा कि भगवान महावीर ने कहा है, मनोजेता, जगतो विजेता। उन्होंने आगे कहा कि लोगस्स स्त्रोत महान शक्ति का पुंज है। एक प्रकरण के माध्यम से लोगस्स के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जय प्रकाश अग्रवाल और शारदा बाई नामक दंपती यूपी में रहता है। शारदा की जीभ पर गौंठ हो गई। टेस्ट करने पर केसर की गांठ की बात आई। डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की सलाह दी। शारदा की उत्तर भारतीय प्रवर्तक शासन सूर्य, शांति स्वरुप म. के प्रति बहुत श्रद्धा भक्ति थी। वह गुरु दर्शन हेतु जैन नगर मेरठ में पहुंची। डॉक्टर की बात बताई। गुरुदेव ने ऑपरेशन करने से मना किया। साथ ही उन्हें लोगस्स स्त्रोत का पाठ करने की बात कही। उन्होंने विधि से लोगस्स का जाप करना प्रारंभ किया तो धीरे-धीरे वह कैंसर की बीमारी एक दम ठीक हो जाती है। इस जाप को सफल कराने में गुरुदेव की अनथक मेहनत रही।