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पितृ पक्ष अमावस्या पर सभी पितरों की विदाई करें : शास्त्री

प्राचीन गुग्गा माड़ी शिव मंदिर समराला रोड खन्ना में पंडित देशराज शास्त्री ने बताया कि इस बार पितृ पक्ष की अमावस्या 17 सितंबर वीरवार को है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 06:58 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 06:58 AM (IST)
पितृ पक्ष अमावस्या पर सभी पितरों की विदाई करें : शास्त्री

जासं, खन्ना : प्राचीन गुग्गा माड़ी शिव मंदिर समराला रोड खन्ना में पंडित देशराज शास्त्री ने बताया कि इस बार पितृ पक्ष की अमावस्या 17 सितंबर वीरवार को है। माना जाता है कि इस दिन को पितरों को विदा करने से पितृ देव बहुत प्रसन्न होते हैं। यह मोक्ष देने वाले भगवान विष्णु की पूजा का दिन माना जाता है। यह पितृपक्ष का अंतिम दिन माना जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितर धरती पर आते हैं और अमावस्या के दिन उनकी विदाई की जाती है। उन्होंने कहा कि पितृ अमावस्या श्राद्ध वाले दिन साफ सुथरे होकर पितरों के लिए बिना लहसुन प्याज का भोजन तैयार कर लें। ध्यान रखें कि भोजन बनाकर हाथ में तिल और जौं युक्त जल धारा से पितरों की अखंड तृप्ति के लिए तर्पण अवश्य करना चाहिए।

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दुनिया में सभी सुख चाहते हैं : राजेंद्र मुनि

एसएस जैन स्थानक किचलू नगर में डॉ. राजेंद्र मुनि, सुरेंद्र मुनि सुखसाता विराजमान हैं। मंगलवार के संदेश में गुरुदेव डॉ. राजेंद्र मुनि ने कहा कि दुनिया में सभी जीव सुख चाहते हैं, पर दुख कोई नहीं। एक दुकानदार सुबह उठकर जल्दी दुकान खोलता है। क्योंकि ज्यादा पैसा मिलेगा और सुखी रह सकेगा। एक मजदूर भी धूप, छाया, बारिश या चाहे कुछ भी हो, वह सोचता है कि अगर अधिक मेहनत करुंगा तो सुखी रहूंगा। किसी ने बड़ा बंगला व कोठी बनाई, साधना संपन्न घर बनाया। अगर यह सब होगा तो मैं सुखी रहूंगा, पर यह सब मिथ्या है। कहने का तात्पर्य यहीं है कि कोई दुख नहीं चाहता। अरे जो सुख के पीछे दौड़ता है वह उससे और ज्यादा दूर होता है। दुखों का अंबार व्यक्ति के पास आता है व सुख पाने के लिए वह चोरी, झूठ, कपट के राह पर चल पड़ता है। आगे कहा कि राम किसी को मारे नहीं, जो मार सके वह राम नहीं। व्यक्ति ज्योंही मर जाएगा कर के खोटे काम। जो आज आप बिज बोओगे, वहीं कल पेड़ बनेगा और वह वैसा ही फल देगा।


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