माछीवाड़ा-खन्ना सड़क की मरम्मत के लिए संघर्ष करेगा शिअद
माछीवाड़ा से खन्ना और समराला से बीजा तक की खस्ता हालत सड़क से इलाके के लोग परेशान हैं। इन सड़कों से गुजरते लोग काग्रेस सरकार को कोस रहे हैं पर इलाके के सत्तापक्ष के नेता और सरकार सो रही है। उनको जगाने के लिए अब अकाली दल लोगों को साथ लेकर संघर्ष शुरू करेगा और इन सड़कों की मरम्मत करने की मांग उठाई जाएगी।
संवाद सहयोगी, श्री माछीवाड़ा साहिब : माछीवाड़ा से खन्ना और समराला से बीजा तक की खस्ता हालत सड़क से इलाके के लोग परेशान हैं। इन सड़कों से गुजरते लोग काग्रेस सरकार को कोस रहे हैं पर इलाके के सत्तापक्ष के नेता और सरकार सो रही है। उनको जगाने के लिए अब अकाली दल लोगों को साथ लेकर संघर्ष शुरू करेगा और इन सड़कों की मरम्मत करने की मांग उठाई जाएगी।
यह बात युवा अकाली नेता और पंजाब यूथ फोर्स के प्रधान परमजीत सिंह ढिल्लों ने पत्रकारों से कही। उन्होंने बताया कि समराला हलके की समाजसेवी जत्थेबंदियों द्वारा पिछले कई महीनों से इन सड़कों के निर्माण के लिए संघर्ष शुरू किया हुआ है जिसमें अकाली दल उनका समर्थन भी करता रहा। पर काग्रेस को सड़क के गहरे गढ्डे दिखाई नहीं दे रहे। अब दीवाली के बाद अकाली दल के जत्थेदार संता सिंह उमैदपुर के नेतृत्व में काग्रेस के खिलाफ संघर्ष की नई रणनीति तैयार की जाएगी। इसमें समाजसेवी जत्थेबंदियों को शामिल किया जाएगा। ढिल्लों ने बताया कि जल्द ही शिरोमणि अकाली दल की मीटिंग होगी जिसमें काग्रेस के खिलाफ इस संघर्ष रणनीति की घोषणा करेंगे। खन्ना-माछीवाड़ा और समराला-बीजा सड़क की मरम्मत के लिए अकाली दल जो संघर्ष करेगा, उससे लोगों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। वे काग्रेस और इस पार्टी से संबंधित नेताओं पर कटाक्ष करते पोस्टर लगाएंगे जिससे सरकार को लोगों की मुश्किल दिखाई दे और वह इन सड़कों को बनाने के लिए मजबूर हो जाए। परमजीत ढिल्लों ने बताया कि बहुत हैरानी की बात है कि नवाशहर से राहों तक हलके से संबंधित विधायक की तरफ से इस सड़क की मरम्मत का कार्य मुकम्मल भी करवा लिया है पर हलका समराला के अधीन आती सतलुज पुल से खन्ना तक करीब 32 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए काग्रेस सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। कैप्टन सरकार ने रुकवाया सड़क का काम
ढिल्लों ने बताया कि पिछली अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान मुख्य सेवक संता सिंह उमैदपुर ने सतलुज पुल से लेकर खन्ना तक 13 करोड़ रुपये का टेंडर पास करवा दिया गया था जिसमें से 2.50 करोड़ रुपये समराला के अधीन आती खस्ता हालत सड़क पर इंटरलॉकिंग टाइल लगाकर खर्च किए गए। पर विधानसभा चुनाव के बाद काग्रेस सरकार आने पर 11 करोड़ रुपये का टेंडर पास होने पर सरकार ने इस सड़क का काम मुकम्मल नहीं करवाया जिसका खमियाजा लोग आज भुगत रहे हैं।