कृषि विशेषज्ञों ने बताया, फसली चक्र से बाहर कैसे निकलें किसान
गांव चौकीमान ब्लक जगराओं जिला लुधियाना में किसानों को बासमती में 9 पाबंदी वाली दवाइयां न प्रयोग करने संबंधी राजिस्ट्रशन शुरू की गई है।
जागरण संवाददाता, जगराओं
गांव चौकीमान ब्लॉक जगराओं में किसानों को बासमती में प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग न करने की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करवाई।
किसानों को पीएयू वैज्ञानिकों द्वारा दी हिदायतों के अनुसार बासमती की फसल पर कीटनाशकों व नदीन नाशकों का स्प्रे करना चाहिए। खेती दवाई विक्रेताओं को भी उन नौ दवाइयों की बिक्री नही करनी चाहिए जोकि सरकार द्वारा बासमती की फसल के लिए पाबंद लगाई गई है। क्योंकि यह दवाएं बासमती की क्वालिटी व उत्पादन पर बुरा असर डालती हैं। यह जानकारी खेतीबाड़ी विभाग की ओर से गांव चौकीमान में आयोजित जल शक्ति जागरूकता कैंप में जिला खेतीबाड़ी अफसर लुधियाना डॉ. बलदेव सिंह नार्थ ने दी।
डॉ.नार्थं ने बताया कि सूबे की सरकार की ओर से भूजल स्तर में गिरावट एक सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में सरकार की ओर से कुछ प्रोग्राम तैयार किए गए हैं जिनके प्रति किसानो को जागरूक कर सूबे का पानी बचाओ, किसानों की आमदनी बढ़ाओ, पर्यावरण साफ-शुद्ध बनाओ। उन्होंने बताया कि जल शक्ति अभियान, पानी बचाओ पैसे कमाओ, फसल विभिन्नता को अपनाने के लिए सर्वंपक्षीय कीट प्रबंध व नदीन प्रबंध पर कैंप लगाया गया। इस मौके पर सरदार तिरलोचन सिंह को फसली विभिन्नता लाने के लिए सम्मानित किया गया। जिसने 13 एकड़ रकबे में मक्की की काश्त की है। इस मौके पर पीएयू के कीट वैज्ञानिक डॉ. कमलजीत सिंह सूरी ने किसानों को धान, मक्की व अन्य फसलों के रख-रखाव पर जानकारी देते हुए अपील की किसानों को हमेशा फसल चक्र से निकलते हुए फसलों पर पीएयू के वैज्ञानिकों द्वारा दी हिदायतों पर ही अपनी फसलों पर कीटनाशक व नदीननाशकों का प्रयोग करना चाहिए। इस मौके पर बलदेव सिंह बीड़ गगड़ा, ब्लाक खेतीबाड़ी अफसर जगराओ डॉ.गुरदीप सिंह, एडीओ डॉ.रामिदर सिंह आदि मौजूद थे।