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पूरे मोहल्ले का कोरोना टेस्ट करवाओ, अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी

कोरोना को लेकर लोग घबरा रहे हैं और बचाव के लिए सेहत निगम व अन्य विभागों में फोन कर रहे हैं। लेकिन कई बार अफसर ऐसे जवाब देते हैं कि लोग और घबरा जाते हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 11:53 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 11:53 AM (IST)
पूरे मोहल्ले का कोरोना टेस्ट करवाओ, अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी
पूरे मोहल्ले का कोरोना टेस्ट करवाओ, अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी

लुधियाना [राजेश भट्ट]। शहर के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना के मरीज हैं। जिन मोहल्लों में मरीज आ रहे हैं, वहां के लोग घबरा रहे हैं और खुद के बचाव के लिए सेहत विभाग, निगम व अन्य विभागों में फोन कर रहे हैं। कई बार अफसर ऐसे जवाब देते हैं कि लोग और घबरा जाते हैं। हाल ही में पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महामंत्री सुनील मेहरा ने सिविल सर्जन को फोन करके कहा कि मोहल्ले में पॉजिटिव केस आ गया है और लोग डरे हुए हैं। इसलिए मोहल्ले में सैनिटाइजेशन करवाई जाए। सिविल सर्जन ने उन्हें यह बताने के बजाय कि सैनिटाइजेशन सेहत विभाग नहीं बल्कि निगम करता है उल्टा उन्हें यह कहा कि सारा मोहल्ला सिविल अस्पताल जाओ और वहां कोरोना टेस्ट करवाओ। यह कहकर सिविल सर्जन ने फोन काट दिया। इस पर सुनील का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया।

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जीआरपी का लाशों से छूटा पीछा

कोरोना संक्रमण के बाद देश में ट्रेनों का संचालन सीमित कर दिया गया है। कई रूट ऐसे हैं जहां लंबे समय से ट्रेन नहीं चली है। ट्रेनों का संचालन सीमित होने से सबसे ज्यादा सुखी जीआरपी वाले हैं। एक तो स्टेशन के बाहर उन्हें ज्यादा निगरानी नहीं रखनी पड़ रही, वहीं दूसरी तरफ उनका अब लाशों से पीछा छूट गया। पहले लाइनों पर आए दिन ट्रेन की चपेट में आकर कई लोग मर जाते थे और उन्हें उठाने की जिम्मेदारी जीआरपी के पास होती थी। कई बार तो ऐसा होता था कि एक दिन में जीआरपी को तीन-तीन शव उठाने पड़ते थे। ट्रेनों का संचालन कम होने से ट्रेन की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या न के बराबर हो गई। जीआरपी थाने में इस बात की खूब चर्चा है कि कोरोना वायरस ने कम से कम यह तो अच्छा कर दिया कि उनका लाशों से पीछा छुड़ा दिया।

अब मेयर का मास्क चर्चा में

कोरोना संक्रमण शुरू होने के साथ ही केंद्र सरकार ने सभी को मास्क पहनने की सलाह दी। लोगों ने सरकार की सलाह को मानकर मास्क पहन भी लिया। किसी ने गमछा लिया तो किसी ने रुमाल से मुंह ढंकना शुरू किया। मेयर बलकार सिंह संधू ने भी शुरुआती दौर में मुंह ढंकने के लिए गमछा लिया। वह गमछा पहनकर ही निकलते थे। तब उनके साथियों ने उन्हें यहां तक कह दिया कि वह बिल्कुल नरेंद्र मोदी की तरह लग रहे हैं। उसके बाद उनका गमछा पूरी कांग्रेस में चर्चा का विषय रहा। अब पिछले कुछ दिनों से उन्होंने मास्क पहनना शुरू किया, लेकिन उनका मास्क ज्यादातर एक ही कान पर लटकता रहता है। इसकी वजह से अब उनका मास्क भी चर्चा में आ गया है। उनके सहयोगी अब उनको कई बार कहने लगे हैं कि मास्क से अच्छा आप गमछा पहन कर ही चलें। वह आपके लिए ज्यादा सुरक्षित है।

कारिंदों के निशाने पर आए चेयरमैन

सब्जी मंडी हो या फल मंडी, अफसरों से लेकर पार्किंग कांट्रैक्टरों तक पर गलत तरीके से वसूली के आरोप लगते रहे हैं। यही नहीं मंडी माफिया भी सब्जी मंडी जाने वालों से लेकर वहां फड़ी लगाने वालों से अवैध वसूली करता रहता है। इसके अलावा अफसरों की सेटिंग से भी कई तरह के काम चलते रहते हैं। इन दिनों सब्जी मंडी व फल मंडी में अवैध वसूली करने वाले बड़े परेशान हैं। नए बने चेयरमैन दर्शन लाल लड्डू ने वसूली करने वालों पर नकेल कस दी और वह खुद रोजाना मंडी में जाकर चेकिंग कर रहे हैं। इससे वहां फड़ी लगाने वालों व आम लोगों को काफी राहत मिल गई लेकिन अवैध वसूली वाले कारिंदे चेयरमैन की इस कारगुजारी से बेहद मुश्किल में हैं। अब कारिंदों ने चेयरमैन के खिलाफ जाल बुनना शुरू कर दिया है। वह ऐसे किसी मौके की तलाश में हैं जिसमें चेयरमैन को फंसाया जा सके।


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