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निजी कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया की रफ्तार पड़ी धीमी

इन दिनो निजी कॉलेजों में फ्रेश कोर्सेस के दाखिले की रफ्तार धीमी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 01:20 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 01:20 AM (IST)
निजी कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया की रफ्तार पड़ी धीमी

जागरण संवाददाता, लुधियाना : इन दिनो निजी कॉलेजों में फ्रेश कोर्सेस के दाखिले की रफ्तार धीमी है। इसके चलते 15 से 20 फीसद के बीच ही दाखिले हुए हैं। दाखिला रफ्तार धीमी होने की वजह कॉलेज कोविड-19 को मान रहे हैं। विद्यार्थी फॉर्म लेने तो आ रहे हैं पर आर्थिक तंगी के कारण फीस जमा नहीं करवा रहे। वहीं बहुत से विद्यार्थी ऐसे भी है जो कह रहे हैं कि बिना लेट फीस 22 अगस्त तक दाखिला हो सकता है तो इन दिनों के बीच कभी भी फीस जमा कराएंगे। दूसरी तरफ, सरकारी कॉलेजों में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है। रैंक लिस्ट जारी नहीं होने से विद्यार्थी निजी कॉलेजों की ओर से कम ही रूख कर रहे हैं। उधर, निजी कॉलेजों के प्रिसिपल्स ने दाखिला प्रक्रिया में देरी के कुछ इस प्रकार कारण बताएं।

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सरकारी कॉलेजों में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के कारण देरी

खालसा कॉलेज फॉर वूमेन की प्रिसिपल डॉ. मुक्ति गिल ने कहा कि कॉलेज में दाखिला प्रक्रिया बहुत ही धीमी चल रही है। इसका बड़ा कारण सरकारी कॉलेजों में अभी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी रहना बताया क्योंकि जब तक सरकारी कॉलेजों की तरफ से रैंक लिस्ट जारी नहीं होगी, तब तक विद्यार्थी निजी कॉलेजों की ओर रूख नहीं करेंगे।

कोरोना काल की वजह से फीस नहीं जमा करवा रहे विद्यार्थी

गुरु नानक खालसा कॉलेज फॉर वूमेन गुजरखान कैंपस मॉडल टाउन की प्रिसिपल मनिदर कौर ने कहा कि कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। बहुत से विद्यार्थी अभी फॉर्म लेकर ही जा रहे हैं और फीस जमा नहीं करवा रहे, जिसके चलते दाखिला प्रोसेस धीमा है।

सामान्य दिनों के मुकाबले 80 प्रतिशत कम आ रहे हैं बच्चे

रामगढि़या ग‌र्ल्स कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. इंद्रजीत कलसी की मानें तो सामान्य दिनों में जहां दाखिले के लिए रोजाना 80 से 100 के बीच विद्यार्थी आते थे, वहीं अब यह संख्या रोजाना 15 से 20 के बीच ही है।

सिर्फ फार्म लेकर ही जा रही हैं विद्यार्थी

मास्टर तारा सिंह मेमोरियल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. किरनदीप कौर का कहना है कि दाखिला प्रक्रिया शुरू हुए पांच दिन हो चुके हैं। अभी विद्यार्थी केवल फॉर्म ही लेकर जा रहे हैं और बाद में फीस जमा करवाने की बात कह रहे हैं।

मात्र 10 फीसद हुआ है दाखिला

एसडीपी कॉलेज फॉर वूमेन की प्रिसिपल मंजू भाषिणी का कहना है कि कॉलेज में वर्कर्स के बच्चे ही ज्यादातर पढ़ते हैं जो कोविड-19 की वजह से इन दिनों शहर में है ही नहीं। कॉलेज में अब तक दस फीसद ही दाखिला हुआ है।


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