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लुधियाना नगर निगम की अवैध सीवरेज कनेक्शन के खिलाफ कार्रवाई, दो कालोनियों में काटे कनेक्शन

कालोनाइजर प्लाट खरीदने आने वाले लोगों को झांसे में फंसाने के लिए काटी गई अवैध कालोनी में पहले खुद चार से पांच मकान बनवा देता है। इससे जो लोग प्लाट खरीदने आते हैं उन्हें विश्वास दिलाया जा सके कि इन लोगों ने यहां जमीन लेकर घर भी बना लिया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 01:48 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 01:48 PM (IST)
लुधियाना नगर निगम की अवैध सीवरेज कनेक्शन के खिलाफ कार्रवाई, दो कालोनियों में काटे कनेक्शन
लुधियाना में चला नगर निगम का चाबुक।

जागरण संवाददाता. लुधियानाः नगर निगम जोन सी की तरफ से अवैध सीवरेज कनेक्शन के तहत कार्रवाई करते शुक्रवार को दो अवैध कालोनी के कनेक्शन को काट दिया गया। यह दोनों कालोनी निगम की सीमा से बाहर थी, लेकिन अवैध तरीके से निगम के साथ सीवरेज लाइन को जोड़ा गया था। निगम की इस कार्रवाई से अवैध कालोनी में घर बना चुके लोगों में हड़कंप का माहौल है। आखिरकर सीवरेज लाइन कट होने के बाद वह कहां पर जाएंगे।

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अवैध कालोनी के खिलाफ अभियान इसी तरह जारी रहेगा

ओएंडएम ब्रांच एसई रविंदर गर्ग ने जानकारी देते बताया कि जोन सी में तैनात हरबीर सिंह की टीम ने शुक्रवार को कार्रवाई शुरू की। गिल बुलारा रोड पर अवैध तरीके से दो कालोनी की तरफ से निगम की मेन सीवरेज लाइन के साथ कनेक्शन जोड़ रखा था। इसके लिए निगम से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। यहां तक निगम को कोई शेयरिंग चार्ज भी नहीं दिए गए थे। निगम की तरफ से अवैध कालोनी के खिलाफ अभियान इसी तरह जारी रहेगा।

खुद चार से पांच मकान बनाकर दिलाते हैं लोगों को विश्वास

कालोनाइजर प्लाट खरीदने आने वाले लोगों को झांसे में फंसाने के लिए काटी गई अवैध कालोनी में पहले खुद चार से पांच मकान बनवा देता है। इससे जो लोग प्लाट खरीदने आते हैं उन्हें विश्वास दिलाया जा सके कि इन लोगों ने यहां जमीन लेकर अपना घर भी बना लिया है। आने वाले दिनों में यहां पर इससे सस्ता कुछ नहीं मिलेगा। कुछ जगह को कालोनाइजर ने खुद बिजली के पोल लगाकर लोगों को गुमराह किया होता है।

अवैध कालोनी काटने पर कालोनाइजर को ही होता है फायदा

अवैध कालोनी काटने पर सिर्फ कालोनाइजर को ही फायदा होता है। प्लाट लेने वाले लोगों की सुविधाओं में कटौती कर दी जाती है और सरकार को करोड़ों रुपये के टैक्स का चूना लगा दिया जाता है। अगर 5 एकड़ में कोई अवैध कालोनी काटी जाती है तो सबसे पहले कालोनाइजर का 30 लाख रुपये प्रति एकड़ सरकार को दिया जाने वाला टैक्स बच जाता है।


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