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आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन ने मिनी सचिवालय में दिया धरना, कहा- रोजगार की गरंटी दे सरकार

आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की किसान मुलाजिम और जनता विरोधी नीति का मुखौटा सामने आ गया है।

By Edited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 09:42 AM (IST)
आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन ने मिनी सचिवालय में दिया धरना, कहा- रोजगार की गरंटी दे सरकार

लुधियाना, जेएनएन। आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन ने रविवार को मांगें पूरी नहीं करने के विरोध में मिनी सचिवालय में धरना दिया। इसमें किसान संगठन भी शामिल हुए। इस दौरान उनकी पुलिस कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। धरने में करीब पचास से अधिक आंगनबाड़ी वर्कर व किसान संगठन यूनियन के सदस्य शामिल हुए।

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आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की किसान, मुलाजिम और जनता विरोधी नीति का मुखौटा सामने आ गया है। इस महामारी में जन विरोधी नीतियों से बचाव के लिए देशभर के मजदूर, मुलाजिम, किसान तथा वर्कर सड़कों पर हैं। आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी नई शिक्षा नीति देश की शैक्षणिक ताकत को कमजोर करेगी और इससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में ईसीसीई पॉलिसी जो पिछले 42 सालों से आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा दी जा रही थी, इसका पॉलिसी कोई जिक्र नहीं है। इससे देश की 26 लाख आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्परों का रोजगार खत्म होने के साथ-साथ बच्चों का भविष्य संकट में पड़ने की शंका है।

यूनियन ने सरकार से मांग की कि ईसीसीई पॉलिसी के तहत प्री स्कूल शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा देनी यीकीनी बनाई जाए तथा पंजाब समेत देश की 26 लाख महिलाओं के रोजगार की गारंटी दी जाए। इसके अलावा न्यूनतम वेतन 25 हजार रुपये महीना दिया जाए। आंगनबाड़ी वर्कर्स को रिकवरी बीमा में शामिल करते हुए पचास लाख बीमा दिया जाए। ईसीसीई शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों में ही देनी यकीनी बनाई जाए। कोरोना महामारी के दौरान दस हजार प्रति महीना कोविड भत्ता दिया जाए। जरूरतमंद परिवारों के लिए मुफ्त राशन तथा गैर टेक्स परिवारों के लिए छह महीने के लिए प्रति महीना 7500 रुपये दिया जाए।


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