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शहर की 816 कंपनियां योग्य होने पर भी नहीं ले पाई पीएफ का लाभ, जानें क्या है कारण

लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक नगरी लुधियाना की 816 कंपनियां लाभ लेने के लिए योग्य होने के बावजूद आगे नहीं आ रही हैं।

By Vipin KumarEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 11:21 AM (IST)
शहर की 816 कंपनियां योग्य होने पर भी नहीं ले पाई पीएफ का लाभ, जानें क्या है कारण
शहर की 816 कंपनियां योग्य होने पर भी नहीं ले पाई पीएफ का लाभ, जानें क्या है कारण

लुधियाना, [मुनीश शर्मा] । औद्योगिक नगरी इस वक्त कोरोना महामारी के बड़े संकट से गुजर रही है। इंडस्ट्री कई दिनों तक बंद रहने और मार्केट डिमांड कम होने और कैश फ्लो रूकने से आर्थिक संकट से गुजर रही है। ऐसे में इंडस्ट्री द्वारा सरकार से अपील कर कई तरह की राहतें मांगी जा रही हैं। मगर, जो राहतें सरकार की ओर से दी जा रही हैं, उसे लेकर भी उद्योगों में सजगता नहीं है। इसी क्रम में औद्योगिक नगरी लुधियाना की 816 कंपनियां लाभ लेने के लिए योग्य होने के बावजूद आगे नहीं आ रही हैं। ईपीएफओ ने बकायदा इसके लिए योग्य कंपनियों को एक आसान सा फार्म भरकर आगे आने को कहा  है।

गाैरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने लॉकडाउन के दौरान कंपनियों पर कर्मचारियों का ज्यादा भार न पड़े, इसके लिए 100 से कम कर्मचारियों वाले संस्थान जिनमें 90 फीसद कर्मचारियों का वेतन 15 हजार से कम है, उनका पीएफ जमा करने का निर्णय लिया है।

लुधियाना के दस हजार कर्मचारियों और 734 कंपनियों को मिला नि:शुल्क पीएफ का लाभ

औद्योगिक नगरी लुधियाना में कुल छह हजार कंपनियां पीएफ के दायरे में आती हैं और तीन लाख से अधिक कर्मचारियों का पीएफ काटा जाता है। सरकार की शर्तो के मुताबिक लुधियाना में 1550 कंपनियां इस लाभ को लेने के लिए योग्य हैं। मार्च माह में 734 कंपनियों की ओर से पीएफ छूट के लिए अप्लाई किया गया। इनमें 10,158 कर्मचारियों को 1,66,29,763 रुपये का लाभ दिया। शेष 816 कंपनियां योग्य होने पर भी लाभ लेने के लिए आगे नहीं आईं।

डैकलारेशन से कई अन्य कंपनियां ले सकती हैं लाभ

रीजनल पीएफ कमिश्नर लुधियाना धीरज गुप्ता ने कहा है कि वह प्रयास कर रहे है कि अधिक से अधिक कंपनियां लाभ लेने के लिए आगे आएं। इसके लिए स्टाफ द्वारा संबंधित कंपनियों को प्रेरित भी किया जा रहा है। जबकि कई ऐसी कंपनियां भी होंगीं, जो रिकॉर्ड में अपडेट न हों। ऐसे में कोई भी कंपनी अगर शर्तो के मुताबिक योग्य हैं, लाभ लेने के लिए ऑनलाइन वेबसाइट पर एक डैकलारेशन फार्म भरकर लाभ ले सकती हैं।

सरकारी शर्तो से नहीं सारी कंपनियों को लाभ

यूसीपीएमए के प्रधान डीएस चावला के मुताबिक संगठन द्वारा विभाग से 816 कंपनियों की सूची लेकर उन्हें लाभ लेने के लिए प्रेरित करेगा। सरकार को चाहिए कि इन शर्तो को हटाकर सारी इंडस्ट्री खासकर एमएसएमई को लाभ देने पर विचार करे। फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक सरकार को राहत देनी है, तो सारी इंडस्ट्री को दे, क्योंकि हर सेक्टर में इस समय परेशानी का माहौल है।

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