पराली प्रबंधन : 5200 हैप्पी सीडर व 4750 एसएमएस से सुधरेंगे हालात
पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण ने पिछले साल पंजाब से लेकर दिल्ली तक पूरे हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया था।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण ने पिछले साल पंजाब से लेकर दिल्ली तक पूरे हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया था। दिल्ली में हुए प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार पंजाब सरकार को कोसती रही। इस बार पंजाब सरकार ने पराली सीजन से पहले ही पराली प्रबंधन पर फोकस कर लिया ताकि किसान पराली जलाने के बजाय उसका उपयोग खेती में ही करें। सरकार अब उन गांवों में मशीनरी उपलब्ध करवाएगी जिन गांवों में पिछले वर्षो में सबसे ज्यादा पराली जलाई गई। पंजाब सरकार अगले 15 दिनों में हैप्पी सीडर, एसएमएस और मिट्टी पलटने वाले हल भी उपलब्ध करवाएगी।
एग्रीकल्चरल सेक्रेटरी कम मिशन तंदुरुस्त पंजाब के डायरेक्टर काहन सिंह पन्नू ने बताया कि पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) ने पराली प्रबंधन के लिए अलग-अलग तरह की मशीनरी डेवलप की गई है। इनके उपयोग से पराली को खेत में ही दबा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सरकार ने सूबे के अलग-अलग गांवों से आवेदन मांगे थे। उन्होंने बताया कि 10 हजार के करीब आवेदन आए हैं। इसमें से कुछ हैप्पी सीडर, कुछ एसएमएस और कुछ मिट्टी पलटने वाले हल हैं। पन्नू ने बताया कि अगले 15 दिनों में 5200 हैप्पी सीडर, 4750 एसएमएस और 800 मिट्टी पलटने वाले हल दिए जा रहे हैं। इसके अलावा अगले साल तक 15 हजार के करीब हैप्पी सीडर देने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार देगी 80 फीसद तक सब्सिडी
जो किसान यह मशीनरी लेना चाहते हैं, सरकार उनको सब्सिडी भी देगी। पन्नू ने बताया कि अगर कोई सोसायटी या किसानों का ग्रुप पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी खरीदता है तो उन्हें 80 फीसद तक सब्सिडी दी जाएगी। अगर कोई किसान अकेले मशीनरी खरीदेगा तो उसे 50 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। कैसे काम करती है मशीनरी
हैप्पी सीडर : धान की कटाई के बाद जब जब सामान्य तरीके से गेहूं की बुआई की जाती है तो खेत में पड़ी पराली को हटाना पड़ता है। पराली हटाने में काफी पैस लग जाता है और किसान आग लगा देते हैं। हैप्पी सीडर से बुआई करने के लिए खेत से पराली हटाने की जरूरत नहीं होती है। एसएमएस: यह पराली को कुतरने वाली एक मशीन है। जिसे कंबाइन के साथ जोड़ा जाता है। धान की कटाई के वक्त एसएमएस पराली को कुतर देता है और वह पूरे खेत में फैल जाती है। इससे खेत जोतने में दिक्कत नहीं होती। मिट्टी पलटने वाला हल: धान की कटाई के बाद अगर कोई किसान सब्जी लगाना चाहता है तो वह इस विशेष हल का इस्तेमाल कर सकता है। इसे खेत की जुताई के लिए ट्रैक्टर के साथ जोड़ दिया जाता है।
इन मशीनों की कीमत
हैप्पी सीडर: 1.50 से 1.70 लाख रुपये तक।
एसएमएस : 1.50 लाख रुपये
मिट्टी पलटने वाला यंत्र: 1.50 लाख रुपये