साइबर ठगों ने आस्ट्रेलिया वाला दामाद बन वकील के पिता को झांसे में फंसाया, हड़प लिए 26.50 लाख
शातिर साइबर ठगों की इमोश्नल ब्लैकमेलिंग में आम लोग ही नहीं बल्कि कानूनी पेचीदगियों के माहिर व आए दिन धोखाधड़ी के ऐसे मामलों से निपटने वाले भी फंस जा रहे हैं। इस बार साइबर ठगों ने पख्खोवाल रोड के रहने वाले एक वकील के पिता को उनका आस्ट्रेलिया में रहने वाला दामाद बन लाखों रुपये का चूना लगा दिया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : शातिर साइबर ठगों की इमोश्नल ब्लैकमेलिंग में आम लोग ही नहीं बल्कि कानूनी पेचीदगियों के माहिर व आए दिन धोखाधड़ी के ऐसे मामलों से निपटने वाले भी फंस जा रहे हैं। इस बार साइबर ठगों ने पख्खोवाल रोड के रहने वाले एक वकील के पिता को उनका आस्ट्रेलिया में रहने वाला दामाद बन लाखों रुपये का चूना लगा दिया। पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद कई राज्यों के सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस गिरोह में दो शातिर महिलाएं भी शामिल हैं।
पुलिस को दी शिकायत में वकील विपिन सगड ने बताया कि अप्रैल में उनके पिता को मोबाइल पर काल आई। शातिर ने उनकी बातों से अंदाजा लगा लिया कि उनका दामाद आस्ट्रेलिया में रहता है। बस फिर क्या उसने उन्हें झांसे में फंसा लिया कि वह उनका दामाद ही बोल रहा है। उन्हें सिर्फ चेक कर रहा था कि वे उसे पहचानते हैं या नहीं। हाल चाल पूछने के बाद काल करने वाले ने कहा कि उसने उनके खाते में 26.50 लाख रुपये ट्रांसफर किए हैं। उसका एक दोस्त अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है। इन रुपयों की उसे तुरंत जरूरत है। यह उसे दे देना। कुछ देर बाद फिर फोन आया कि रुपये उनके खाते में आने में 24 घंटे लग जाएंगे। वे अपने खाते से उसके दोस्त के बैंक अकाउंट में साढ़े 26 लाख जमा करवा दें। उसके भेजे रुपयों को वे खुद रख लें। वकील के पिता दामाद समझकर ठग के झांसे में आ गए और उसके बताए खाते में रुपये ट्रांसफर करवा दिए। रुपये जमा करवाने के बाद जब उन्होंनें परिवार से बात की तो पता चला कि दामाद ने न तो कोई काल की है और न रुपये मांगे हैं।
दुगरी थाने के इंस्पेक्टर गगनप्रीत को सौंपी शातिरों को पकड़ने की जिम्मेदारी :
शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल की तकनीकी टीम ने जांच के बाद असम के गांव जाकातादिया कामरूप के बिशा मंडल, मणिपुर के दिओरा के हुसनारा मणिपुर के ही डब्ल्यू व विकास और दशरथ मंडल, मध्य प्रदेश के भोपाल के शांति नगर बरखेड़ा के पंकज कुशवाहा, उत्तर प्रदेश की मीरा देवी और दशरथ के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले की अगली जांच और शातिरों की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी अब दुगरी पुलिस थाने के इंस्पेक्टर गगनप्रीत सिंह को सौंपी गई है। खाता खुलवाने व नंबर लेने के लिए दिए दस्तावेज बने आधार :
पुलिस कमिश्नर ने शिकायत के बाद मामले की जांच एडीसीपी हेडक्वार्टर को सौंपी थी। जिस खाते में रुपये ट्रांसफर किए गए और जिन नंबरों से फोन किए गए उन दस्तावेजों को खंगाला गया। बैंक खाता खुलवाने और नंबर लेने के लिए दिए दस्तावेज कितने सही है यह आगामी जांच में पता चलेगा।
अधिकतर मामलों में फर्जी निकलते हैं ये दस्तावेज :
साइबर सेल की ओर से अब तक मामलों की जांच में यह सामने आया है कि साइबर ठग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाता खुलवाते हैं और मोबाइल सिम लेते हैं। खाते में पैसा आते ही उसे निकालकर उसे बंद कर देते हैं। जिसके दस्तावेज दिए जाते हैं या तो वह होता ही नहीं या फिर उसे इस बारे में कुछ जानकारी नहीं होती। इसलिए साइबर ठगों को पकड़ना बहुत मुश्किल होता है।
---
डेढ़ माह में लुधियानवियों को साइबर ठगों ने लगा दिया चार करोड़ चूना
विदेश में रहने वाला रिश्तेदार बनकर लोगों को ठगने का सिलसिला अप्रैल में शुरू हुआ है। बीते डेढ़ महीने में साइबर ठग 30 से अधिक लुधियानवियों को करीब चार करोड़ रुपये का चूना लगा चुके हैं। हालांकि कुछ मामलों में तुरंत सूचना मिलने पर पुलिस ने फर्जी बैंक खाते से वापस करवाए हैं।