लुधियाना के GCG में सोलर नेट मीटर सिस्टम की शुरुअात, मेयर संधू व पार्षद ममता आशु ने रखीं नींव
शहर के शिक्षण संस्थानाें में अब बिजली की किल्लत नहीं हाेगी। पंजाब एनर्जी डिवेल्पमेंट ने इसके लिए एक खास याेजना तैयार की है। इसके तहत बिजली आपको सौर ऊर्जा से मिलेगी।
लुधियाना, जेएनएन। गवर्नमेंट काॅलेज फाॅर गर्ल्स (जीसीजी) में शनिवार सोलर नेट मीटर की स्थापना की गई। काॅलेज में 128 किलोवाट का सोलर नेट मीट स्थापित किया जाना है। इसी के तहत मेयर बलकार सिंह संधू, पार्षद ममता आशु ने काॅलेज में इसकी नींव रखी।
उन्होंने कहा कि लुधियाना पश्चिमी में 803 किलोवाट के सोलर सिस्टम लगाए जाने है जिसके तहत सरकारी शिक्षण संस्थाओं को शामिल किया जाना है। सरकारी शिक्षण संस्थानों में सोलर नेट मीटर लगाने से करीब सत्तर लाख रुपये बिजली की बचत होगी।
यह सिस्टम पंजाब एनर्जी डिवेल्पमेंट द्वारा शिक्षण संस्थाओं में लगाए जा रहे हैं। बता दें कि सोलर स्मार्ट सिटी अधीन कारपोरेशन बड़े कार्य कर रहा है, उसमें से एक शिक्षण संस्थानों में सोलर पावर नेट मीटरिंग के द्वारा बिजली की बचत करना भी शामिल है। इससे विद्ययक संस्थाएं आत्मनिर्भर बनेंगी। काॅलेज प्रिंसिपल परमजीत सिंह ग्रेवाल, वाइस प्रिंसिपल डाॅ. राकेश कुमार इस दौरान मौजूद रहे।
एक दिन में प्रति किलोवाट के हिसाब से चार यूनिट बिजली होती है तैयार
पेडा के ज्वाइंट डायरेक्टर अनुपम नंदा बताते हैं कि घरों में लगने वाले सोलर एनर्जी कनेक्शन के अधिकतर प्रोजेक्ट तीन से 10 किलोवाट की क्षमता वाले लगते हैं। एक दिन में प्रति किलोवाट के हिसाब से चार यूनिट बिजली तैयार होती है। बॉयो डिस्ट्रूीब्यूशन मीटर सिस्टम के जरिये पॉवरकाम कनेक्शन साथ-साथ चलता है। बिजली की जितनी यूनिट की खपत होती है व सोलर के जरिये तैयार होती है। इसके हिसाब से ही पावरकॉम बिल भेजता है।
25 साल होती है सोलर पैनलों की उम्र
सोलर पैनलों की उम्र 25 साल की होती है। यह बिजली आपको सौर ऊर्जा से मिलेगी। इसका पैनल भी आपकी छत पर लगेगा। यह प्लांट एक किलोवाट से पांच किलोवाट क्षमता तक होंगे। यह बिजली न केवल निशुल्क होगी, बल्कि प्रदूषण मुक्त भी होगी।