एएस मैनेजमेंट का चुनावी बिगुल बजा, 22 मार्च को मतदान, 23 को परिणाम Ludhiana News
खन्ना की प्रतिष्ठित और प्राचीन एएस हाई स्कूल खन्ना ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसायटी का चुनावी बिगुल बज गया है।
खन्ना, जेएनएन। सात शिक्षण संस्थानों को चलाने वाली खन्ना की प्रतिष्ठित और प्राचीन एएस हाई स्कूल खन्ना ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसायटी का चुनावी बिगुल बज गया है। मैनेजमेंट की शनिवार को हुई आखिरी बैठक में चुनाव प्रक्रिया के एलान के साथ ही मैनेजमेंट को भंग कर दिया गया।
22 मार्च को मैनेजमेंट के 20 सदस्यों के चयन के लिए मतदान होगा। इसके अगले ही दिन 23 मार्च को मतगणना के साथ नतीजे घोषित किए जाएंगे। खन्ना शहर के नजरिए से नगर कौंसिल चुनाव के बाद यह शहर का दूसरा सबसे बड़ा चुनाव है। मैनेजमेंट के प्रधान राजीव राय मेहता ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि 27 फरवरी से तीन मार्च तक मुख्य चुनाव अधिकारी के दफ्तर में दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक नामांकन जमा कराए जा सकते हैं।
नामांकन की सूची चार मार्च सुबह 10 बजे चुनावी दफ्तर (एएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल) के नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी। 5 मार्च दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक नामांकन पर एतराज दिए जा सकते हैं। मेहता ने बताया कि 6 मार्च को 3 से 5 बजे तक नामांकनों की जांच के बाद वैध नामांकनों की सूची नोटिस बोर्ड पर साढ़े पांच बजे लगाई जाएगी।
8 मार्च शाम 5 बजे तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं।उम्मीदवारों की अंतिम सूची इसी दिन शाम साढ़े पांच बजे जारी कर दी जाएगी। 22 मार्च को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान एएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में होगा। मतगणना 23 मार्च को सुबह 8 बजे से शुरू होगी।
कांग्रेस और भाजपा समर्थित पैनलों में टक्कर
मैनेजमेंट का चुनाव सीधे तौर पर दो गुटों के बीच ही होता रहा है, लेकिन कभी-कभार कुछ आजाद उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमाते रहे हैं। पैनलों के स्तर पर लड़े जाने वाले इस चुनाव में मुख्य मुकाबला शुरू से ही कांग्रेस और भाजपा समर्थित पैनलों के बीच होता आया है। फिलहाल मैनेजमेंट पर कांग्रेस समर्थित पैनल का कब्जा है। कांग्रेस के लिए सत्ता बचाने और भाजपा के लिए सत्ता हथियाने का यह चुनाव है।
भाजपा ने खोला कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा
चुनाव घोषणा के तुरंत बाद बैठक से बाहर निकले भाजपा समर्थित पैनल के सदस्यों ने सत्ता पक्ष कांग्रेस समर्थित पैनल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पैनल के नेता और पूर्व महासचिव राजेश डाली ने कहा कि तीन साल में सत्ता पक्ष ने संस्थान को इतना नुक्सान पहुंचाया कि घाटा लगातार बढ़ता ही गया। सत्ता पक्ष के कारनामों को वे लोगों के सामने रखेंगे। उन्होंने तो बैठक में भी सत्ता पक्ष द्वारा की गई अनियमितताओं को उठाया।