गुटबाजी से एकजुटता की ओर कांग्रेस, डावर ने की मंत्री आशु की तारीफ Ludhiana News
लुधियाना के सभी नेता विधायक डावर के घर पर इकट्ठा हुए जिसमें कैबिनेट मंत्री आशु सांसद बिट्टू मेयर बलकार संधू विधायक संजय तलवाड़ कुलदीप वैद्य और अन्य नेता शामिल थे।
लुधियाना [अर्शदीप समर]। कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु व विधायक सुरिंदर डावर एक समय एक-दूसरे को देखना पसंद नहीं करते थे। अगर दोनों एक ही मंच पर इकट्ठा हो जाते थे तो कुर्सियां तक अलग-अलग लगती थी, लेकिन कुछ दिन पहले लुधियाना के सभी नेता विधायक डावर के घर पर इकट्ठा हुए, जिसमें कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, मेयर बलकार सिंह संधू, विधायक संजय तलवाड़, कुलदीप वैद्य और अन्य नेता शामिल थे। सभी ने एक दूसरे से अपने-अपने गिले-शिकवे दूर किए, जिसका असर कुछ दिन बाद देखने को मिला। विधायक डावर ने किदवई नगर में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की जगह मिलने को लेकर जहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा का आभार जताया। वहीं, कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की भी जमकर तारीफ की। जिससे साफ हो गया कि काफी समय से गुटबाजी झेल रही कांग्रेस अब एकजुट होकर चलना चाहती है।
एसएमओ का विवादों से नाता
सिविल अस्पताल में करीब आठ महीने पहले एसएमओ बनकर आए डॉक्टर अविनाश जिंदल का विवादों से नाता छूट नहीं रहा है। अभी एक आरोप से पीछा भी नहीं छूटता है कि अगले ही पल दूसरा आरोप लग जाता है। हालत यह हो गई है कि वह विभाग को सफाई दर सफाई देते फिर रहे हैं। सिविल में तैनाती होते ही समाजसेवी कुमार गौरव (सच्चा यादव) ने आरोप जड़ा कि डोप टेस्ट के नाम पर मुलाजिम पैसे ले रहे हैं। यूनियन के सदस्यों ने भी आरोप लगाया कि अस्पताल के कुछ मुलाजिम निजी एंबुलेंस अंदर खड़ी कर मरीजों से ठगी कर रहे हैं। सेहत मंत्री के पास भी शिकायत पहुंची कि अस्पताल में पैसे लेकर सफाई का ठेका एक कंपनी को दिया है। अब अस्पताल से बच्चा चोरी हो गया। सुरक्षा इंतजामों पर फिर एसएमओ घिर गए। एसएमओ साहब आरोपों की बीमारी से मुक्ति की नब्ज पकड़ नहीं पा रहे हैं।
शिअद की दोगली नीति
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने शहर में अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जा रहा है। रेहड़ी-फड़ी वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। सत्ताधारी नेता भी अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम का साथ दे रहे हैं, लेकिन शिरोमणि अकाली दल इस मामले में दोगली नीति अपनाए हुए है। शिअद नेता एक तरफ अतिक्रमण के खिलाफ चल रही मुहिम की सराहना भी कर रहे हैं और दूसरी तरफ रेहड़ी-फड़ी यूनियन का समर्थन भी कर रहे हैं। मकसद अतिक्रमण हटने के बाद जनता उनसे नाराज न हो। रेहड़ी-फड़ी वालों को लगे कि शिअद ही उनकी आवाज उठा रही है। शिअद नेताओं की तरफ से लगातार प्रशासन को रेहड़ी-फड़ी वालों को अलग से जगह देने की मांग की जा रही है। वाट्सअप पर भी कुछ समाजसेवी लोगों ने शिअद को घेरने की कोशिश की, लेकिन शिअद नेता हर एक कदम सोच समझ कर रख रहे हैं।
सीआइए-3 का वक्त खराब
सीआइए-3 का तीन महीने पहले गठन कर गिल रोड पर दफ्तर दिया गया। दफ्तर मिलते ही सीआइए-3 के स्टाफ ने सबसे पहली उपलब्धि एक झपटमार पकड़ कर हासिल की। खुशी इतनी थी कि संवाददाता सम्मेलन बुलाकर तारीफों में खूब कसीदे पढ़े गए। लेकिन संवाददाता सम्मेलन के बाद जब स्टाफ झपटमार को वापस गिल रोड दफ्तर पहुंचा तो वह बाथरूम जाने के बहाने वहां से फरार हो गया। दफ्तर में हड़कंप मच गया और सारी खुशियां पलभर में काफूर हो गईं। इसके बाद ग्र्रहचाल ऐसी बिगड़ी कि 17 फरवरी को सीआइए-3 से 30 कदम की दूरी पर लुटेरों ने फाइनांस कंपनी में घुसकर 30 किलो सोना और नकदी लूट ली। चर्चा यह है कि सीआइए-3 के ग्र्रहों की चाल कुछ ठीक नहीं है। सभी वारदातें उसके आसपास ही हो रही है। लोगों का कहना है कि सीआइए-3 को अपने ऑफिस का वास्तु ठीक करवाना चाहिए और हवन भी करवा लेना चाहिए।