अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में गोल्ड जीत चुकी हैं भव्या
15 वर्ष की उम्र में स्पोर्ट्स के प्रति इतना जोश और उत्साह सभी में नहीं होता।
जासं, लुधियाना : 15 वर्ष की उम्र में स्पोर्ट्स के प्रति इतना जोश और उत्साह सभी में नहीं होता। इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। शहर के जनकपुरी एरिया और जालंधर बाईपास के ग्रीन लैंड सीनियर सेकेंडरी स्कूल की पढ़ने वाली भव्या कराटे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी है। इसी साल उसका सिलेक्शन दोबारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली कराटे चैंपियनशिप में भी हो चुका है। भव्या कराटे ओलंपिक में खेलने की इच्छा रखती है और सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहती है। ब्लैक बेल्ट भी कर चुकी है हासिल
भव्या ने बताया कि वह पांचवीं कक्षा से कराटे में हिस्सा लेती आ रही है। पिछले साल देहरादून में अंडर-17 कैटेगरी में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स काउंसिल की ओर से हुई कराटे चैंपियनशिप में वह हिस्सा लेते हुए स्वर्ण पदक पा चुकी है। इसी साल जनवरी में देहरादून में हुए राष्ट्रीय स्तरीय कराटे चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर उसने दूसरा स्थान पाया था और सिल्वर मेडल हासिल किया था। अप्रैल में गोवा में होने जा रही अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप के लिए भी उसका चयन हो चुका है। इसके लिए उसने तैयारियां भी शुरू कर दी है। भव्या ने बताया कि इसी साल कराटे में वह ब्लैक बेल्ट भी हासिल कर चुकी है। फुटबॉल खेलने एवं सिगिग का है शौक
भव्या ने बताया कि कराटे के साथ-साथ वह फुटबॉल व टेनिस खेलना भी पसंद करती है। साथ ही सिगिग का भी उसे शौक है। भव्या कराटे ओलंपिक में भी खेलने की इच्छा रखती है और सेना में ज्वाइन कर देश की सेवा करना उसका उद्देश्य है। पिता भूषण कुमार कन्फेक्शनरी के होलसेल सप्लायर हैं और मां रजनी भी ओरिफ्लेम की डीलर हैं। भव्या ने बताया कि उसकी मां भी एथलेटिक्स, जूडो खेल चुकी है और जूडो में वह भी ब्लैक बेल्ट हासिल कर चुकी हैं। तीन सालों से कराटे की ले रही है कोचिग
भव्या स्कूल के साथ-साथ प्राइवेट तौर पर भी कराटे की कोचिग ले रही है। भव्या ने कहा कि एक एकेडमी के कोच संजय गौरव सचदेवा से वह पिछले तीन सालों से कराटे की कोचिग ले रही हैं। रोजाना तीन से चार घंटे तक वह कराटे की प्रैक्टिस करती हैं। इसके अलावा स्कूल की कोच लक्ष्मी से भी कराटे की प्रेक्टिस लेती है।