फ्रेंडशिप-डे पर अलविदा कह गए दो जिगरी यार
गांव रामपुर के दो मासूम बच्चों को सेल्फी लेना बहुत महंगा पड़ गया। सेल्फी के चक्कर में दोनों मासूम ट्रेन की चपेट में आ गए और मौके पर ही दोनों की मौत हो गई।
मुदित मो¨हदरा, लुधियाना : गांव रामपुर के दो मासूम बच्चों को सेल्फी लेना बहुत महंगा पड़ गया। सेल्फी के चक्कर में दोनों मासूम ट्रेन की चपेट में आ गए और मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। पुलिस को मौके से कोई मोबाइल फोन नहीं मिला और न ही इन मासूमों के पास कोई पहचान पत्र मिला है। वहीं इन बच्चों का तीसरा भाग गया बताया जा रहा है।
गांव रामपुर के दो मासूम बच्चे युवराज सिंह (सातवीं कक्षा का छात्र) पुत्र जसविंदर सिंह और गौरव कुमार (आठवीं कक्षा का छात्र) पुत्र बनारसी अपने घर से गुरुद्वारा श्री कटना साहिब माथा टेकने के लिए आए थे। गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के बाद ये बच्चे सरहिंद नहर के ऊपर से गुजरते चंडीगढ़-लुधियाना रेलवे लाइन वाले पुल पर चढ़ गए। पुल पर चढ़ने के उपरात सेल्फी लेने के चक्कर में दोनों लुधियाना-चंडीगढ़ ट्रेन की चपेट में आ गए जिसके चलते दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
वहीं पुलिस के अनुसार रेलवे कर्मचारियों ने मृतक बच्चों के साथ एक और बच्चे को भी देखा था जो कि घटना के बाद भाग गया। उसके बारे में पुलिस को अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। आशंका जताई जा रही है कि ये बच्चे सेल्फी लेने के लिए रेलवे पुल पर गए थे। इस घटना से गांव रामपुर में शोक की लहर दौड़ गई है।
इस दुर्घटना में मरने वाला युवराज सिंह अपने परिवार का इकलौता सहारा था। युवराज के पिता जसविंदर सिंह दुबई गए हुए हैं।
लुधियाना : स्कूल अलग-अलग, अलग-अलग धर्म जात। फिर भी युवराज और गौरव जिगरी यार थे। फ्रेंडशिप डे पर दोनों अपने जिगरी यारों को अलविदा कर गए। युवराज के पिता एनआरआई हैं और दुबई में रहते हैं, जबकि गौरव के पिता प्रवासी मजदूर हैं और गांव में दर्जी का काम करने के साथ मजदूरी करते हैं। युवराज गुरसिख फेमिली से होने के कारण उसने अमृत पान किया हुआ था और वह रोजाना शाम को गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन सीखने जाता था। गौरव भी उसकी संगत में रहकर सिख धर्म की तरफ आकर्षित होने लगा था। वह उसके साथ गुरुद्वारा साहिब जाता था ओर कई बार पगड़ी भी सजाता था। रविवार को वह दोनों गुरुद्वारा कटानी साहिब में माथा टेकने गए थे और सेल्फी लेने के दौरान हादसे का शिकार हो गए।
युवराज की मां की हालत बिगड़ी
युवराज के पिता दुबई में हैं। वह यहां मां और बहन दिलप्रीत कौर के साथ रहता था। बेटे की मौत की खबर मिलते ही मां की है और उसे नींद का इंजेक्शन देकर सुलाया गया है। ताया कुलदीप सिंह का कहना है कि युवराज और गौरव दोनों जिगरी यार थे और एक दूसरे के बिना कहीं नहीं जाते थे। मखन पहले घर लौटा तो बच गया
युवराज और गौरव के साथ एक तीसरा दोस्त मखन भी था। दिलप्रीत कौर के अनुसार वह उसके घर पर बात करने गई तो उसने बताया कि वह तीनों ही गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होकर आए थे। युवराज ने ही उसे घर लौटने को कहा था कि वह लेट आएंगे। हो सकता है अगर वह साथ होता तो उसकी भी जान चली जाती। दोनों के पास नहीं थे मोबाइल तो सेल्फी की बात हजम नहीं हो रही : ताया
युवराज के ताया कुलदीप सिंह का कहना है कि युवराज के पास कोई पर्सनल मोबाइल नहीं था, वह अपनी मां का मोबाइल इस्तेमाल करता था और यह मोबाइल घर पर पड़ा है। गौरव के पास भी मोबाइल नहीं था तो उन्हें यह बात हजम नहीं हो रही कि सेलफी की बात कहां से आई। अब यह भी पता नहीं कि वह ट्रैक पर क्यों गए थे।