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चार डाइंग यूनिटों में एनजीटी की टीम का छापा, पानी के सैंपल लेकर जांच को भेजे

एनजीटी की टीम शुक्रवार को महानगर पहुंची।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:07 AM (IST)
चार डाइंग यूनिटों में एनजीटी की टीम का छापा, पानी के सैंपल लेकर जांच को भेजे
चार डाइंग यूनिटों में एनजीटी की टीम का छापा, पानी के सैंपल लेकर जांच को भेजे

जासं, लुधियाना : बुड्ढा दरिया में बढ़ते प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की टीम शुक्रवार को महानगर पहुंची। एनजीटी मॉनिटरिग कमेटी के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस बलबीर सिंह के नेतृत्व में टीम ने चार डाइंग यूनिटों पर छापामारी करते हुए वहां से पानी के सैंपल लिए।

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चेकिग के लिए एनजीटी टीम ने जिन यूनिटो को चुना वह कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के सदस्य नहीं है। बल्कि खुद के ईटीपी के जरिए ही वे डाइंग के पानी को ट्रीट करते हैं। इनमें चीमा चौक स्थित ओम प्रोसेसर और बस्ती जोधेवाल स्थित रमल डाइंग, सनशाइन व ओरिएंटल डाइंग शामिल हैं। टीम ने डाइंग यूनिट से डिस्चार्ज पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए।

इसके बाद टीम ने सर्किट हाउस में कमेटी चेयरमैन जस्टिस जसबीर सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल, नगर निगम कमिश्नर केपी बराड़ सहित संबंधित अधिकारियों के साथ बंद कमरे में मीटिग भी की। जस्टिस जसबीर सिंह ने बुड्ढा दरिया की वर्तमान स्थिति को पर्यावरण के लिहाज से बेहद खतरनाक बताते हुए अधिकारियों की जमकर क्लास भी ली। टीम ने जिला प्रशासन, नगर निगम व संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ दो घंटे तक बैठक की। इसमें टीम ने बुड्ढा दरिया की दुर्दशा पर चिता व्यक्त करते हुए संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। जस्टिस जसबीर सिंह ने साफ कह दिया कि कानून दरियाओं को प्रदूषित करने की इजाजत नहीं देता। एनजीटी कानून के तहत दूषित पानी की एक बूंद भी दरिया में गिराना अपराध है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है।

एसटीपीज की क्षमता बढ़ेगी, नए ट्रीटमेंट प्लांट भी लगेंगे

समस्या के निवारण पर चेयरमैन ने कहा कि प्रदूषित हो चुके बुड्ढा दरिया की दशा सुधारने के लिए एक हजार करोड़ रुपये की लागत का प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। इसके तहत बुड्ढा दरिया में प्रदूषित पानी गिरने से रोकने के लिए मौजूदा एसटीपीज की क्षमता बढ़ाई जा रही है। वहीं नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की भी योजना है। 31 मार्च, 2020 तक टेंडर लगेंगे और 31 मार्च, 2021 तक काम पूरा होगा। पराली जलाने को लेकर बैठक में नहीं हुई चर्चा

पत्रकारों से बात करते हुए जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि पराली जलाने को लेकर बैठक में चर्चा तो नहीं हुई, लेकिन यह गंभीर समस्या है, क्योंकि पराली जलने से 150 मिलियन टन कार्बनडाइऑक्साइड हवा में आ जाती है। पराली न जलाकर इसकी संभाल करने वाले किसानों को मुआवजा देने का एलान पंजाब सरकार ने किया है। इससे पराली न जलाने वाले प्रोत्साहित होंगे। दरिया की सफाई के लिए कुछ नहीं हुआ: संत सीचेवाल

पर्यावरण प्रेमी एवं एनजीटी मॉनिटरिग कमेटी के सदस्य संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने कहा कि बुड्ढा दरिया की सफाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। जब तक दूषित पानी इसमें गिरेगा, तब तक इसके सुधार की गुजाइंश ही नहीं। इससे निपटने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करने होंगे।


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