दान-पुण्य का मीठा और पाप का मिलता है कटु फल: आशीष मुनि
सिविल लाइंस एसएस जैन स्थानक के प्रांगण में सोमवार को धर्म सभा हुई।
संस, लुधियाना : सिविल लाइंस एसएस जैन स्थानक के प्रांगण में सोमवार को श्रमण संघीय मंत्री श्री आशीष मुनि म. व श्री उत्तम मुनि म. के सान्निध्य में धर्म सभा की गई। इसमें श्रमण संघीय मंत्री श्री आशीष मुनि म. ने कहा कि दुनिया में कोई सुखी है तो कोई दुखी। कोई महलों में आनंद से रह रहे हैं तो किसी को सिर ढकने के लिए छत भी नसीब नहीं है।
कोई खूब खा रहा है तो किसी को भरपेट रोटी मिलती नहीं। यह अपने-अपने पुण्य या पाप के मीठे या कटु फल का ही परिणाम है। पुण्य सदकर्म, दान-पुण्य आदि अच्छे कर्म से बढ़ता है। आज का बीज आने वाले भविष्य का वृक्ष है। उसी प्रकार से आज का सदकर्म आने वाले भविष्य का पुण्य बनकर हमारे समक्ष फल देता है। जिन शासन ज्योति महासत्ती श्री गीता म. की सुशिष्या ओजस्वी वक्ता साध्वी श्री वृद्धि म. ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि क्रोध चंडाल है। अपने मन में छिपा हुआ आत्मा का बहुत बड़ा दुश्मन है। क्रोधी सर्वप्रथम स्वयं जलता है, पीडि़त होता है। फिर दूसरे को जलाने वाला बनता है। क्रोधी, क्रोध के समय अंधा बन जाता है। वह यह समझ नहीं पाता कि मेरे आगे कौन खड़ा है। किसके साथ क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना। यह विवेक उसके जीवन में नहीं रहता है। साध्वी श्री वृद्धि ने कहा कि क्रोध के समय, क्रोधी का खून जहरनुमा बन जाता है। यदि नारी क्रोध कर रही है, उस वक्त अपने बच्चे को दूध पिलाती है तो उसका दूध उस बच्चे के लिए जहर का काम करने वाला बनता है। अत: क्रोध नहीं करने का उपवास की प्रेरणा देते हुए साध्वी ने कहा कि कम से कम साक्षात में एक दिन क्रोध नहीं करने का संकल्प ले। इस दौरान भारी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने हाजिरी भरी। इस अवसर पर सभाध्यक्ष अरिदमन जैन व मंत्री प्रमोद जैन ने कहा कि 16 जुलाई दिन मंगलवार को चातुर्मास सभा प्रारंभ हो रही है। प्रतिदिन प्रवचन सभा 8.15 से आरंभ होगी।