सूखा-गीला कूड़ा अलग-अलग नहीं किया तो नहीं उठेगा कचरा Ludhiana News
कूड़ा सेग्रीगेशन को लेकर अब लोगों की बहाने बाजी नहीं चलेगी।
राजेश भट्ट, लुधियाना। कूड़ा सेग्रीगेशन को लेकर अब लोगों की बहाने बाजी नहीं चलेगी। कूड़ा सेग्रीगेशन के लिए लोगों को अपने घरों में गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग रखना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो उनका कूड़ा नहीं उठाया जाएगा। नगर निगम अब सेकेंडरी कूड़ा डंप पर मिक्स कूड़ा गिराने नहीं देगा। शहर में कुल 95 वार्ड हैं। 31 जुलाई तक कूड़ा सेग्रीगेशन को पूरी तरह से लागू करने की डेडलाइन तय की गई है। हालांकि डेडलाइन तक हर घर में इसे लागू करना नगर निगम के लिए आसान नहीं होगा।
कूड़ा सेग्रीगेशन को लागू करवाने के लिए निगम के अफसर अभी तक घर-घर जाकर जागरूक कर रहे थे लेकिन अब निगम ने कूड़ा सेग्रीगेशन को लेकर सख्ती दिखाने का फैसला कर लिया है। निगम ने अब अपने स्तर पर कूड़ा सेग्रीगेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी जुटा लिया है। गीला और सूखा कूड़ा रखने के लिए सेकेंडरी डंपों को दो हिस्सों में बांट दिया। अफसरों ने कूड़ा कलेक्टरों को दो टूक कह दिया कि सेकेंडरी डंप पर किसी को भी मिक्स कूड़ा गिराने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए बाकायदा सेकेंडरी डंपों पर एक एक कर्मचारी भी नियुक्त कर दिया है। कूड़ा कलेक्टर को भी इसी तरह अपने रेहड़े को दो हिस्सों में बांटना होगा। शहर में करीब 1350 कूड़ा कलेक्टर ऐसे हैं जो कि निजी तौर पर घरों से कूड़ा उठाकर लाते हैं और लोगों से इसके बदले पैसे लेते हैं।
निगम ने इन निजी कूड़ा कलेक्टरों को भी आइडी कार्ड देने शुरू कर दिए और उन्हें भी साफ कह दिया कि सेकेंडरी डंप पर मिक्स कूड़ा डालने नहीं दिया जाएगा। वहीं कूड़ा कलेक्टरों ने अब घर-घर लोगों को कूड़ा सेग्रीगेशन के लिए कहना शुरू कर दिया है। सूखा और गीला कूड़े को अलग-अलग देने को लेकर पहले निगम के पास रेहड़िया नहीं थी। अब निगम ने 95 वार्डो में से कूड़ा उठाने वालों के लिए 250 रेहड़िया और मंगवाई है। इसमें अलग-अलग कूड़ा रखने की सुविधा है। वहीं 1350 प्राइवेट कूड़ा कलेक्टरों को भी ऐसी रेहड़िया इंतजाम करने को कहा गया है। प्राइवेट कूड़ा कलेक्टरों के आइडी कार्ड बनाए जा रहे हैं, ताकि पता चल सके कि कौन कौन डंप पर कूड़ा लेकर आ रहे हैं।
रोजाना निकलेगा 750 टन गीला कूड़ा
शहर में करीब चार लाख यूनिट हैं जहां कूड़ा नगर निगम के सेकेंडरी डंपों तक पहुंचता है। शहर से रोजाना 1150 से 1200 टन कूड़ा निकलता है। अगर इस कूड़े को सेग्रीगेट किया जाए तो अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब 750 टन गीला कूड़ा और करीब 400 टन सूखा कूड़ा निकलेगा। इसमें से गीले कूड़े को कंपोस्ट प्लांट के जरिए खाद में तब्दील किया जा सकेगा और सूखे कूड़े को प्रोसेस किया जाएगा। निगम कमिश्नर कूड़ा सेग्रीगेशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए खुद घर-घर गई हैं। अब उन्होंने अफसरों को सख्त आदेश दे दिए हैं कि डेडलाइन तक शहर में हर हाल में कूड़ा सेग्रीगेट करना यकीनी बनाया जाए।
नए रेहड़ों की खरीद को टीम ने दी हरी झंडी
डेड लाइन जैसे जैसे नजदीक आ रही है निगम अफसरों ने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शुरू कर दिया। नगर निगम अब तक तीन सौ रेहड़े अलग अलग वार्डो में बांट चुका है और अब 250 नए रेहड़े खरीदने जा रहा है। निगम की एक टीम मेयर के नेतृत्व में मंगलवार को नए खरीदे जाने वाले रेहड़ों का जायजा लेकर आई और उसे खरीदने की मंजूरी दे दी।
कूड़ा प्रबंधन के लिए सेग्रीगेशन पर जोर दिया जा रहा है। शहर के 40 से ज्यादा सेकेंडरी कूड़ा डंपों पर भी गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग करने के लिए जगह बना दी। कुछ रेहड़े निगम ने कूड़ा कलेक्टरों को दिए हैं। निजी कूड़ा कलेक्टरों को भी अपने रेहड़ों को दो हिस्सों में बांटने को कहा है। कूड़ा कलेक्टरों को साफ कहा गया है कि अब उन्हें मिक्स कूड़ा गिराने नहीं दिया जाएगा। 31 जुलाई तक सेग्रीगेशन पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
-नीरज जैन, जोनल कमिश्नर व इंचार्ज हेल्थ ब्रांच नगर निगम।
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