बल्क में कूड़ा पैदा करने वाले 250 यूनिट्स को खुद करना होगा कूड़े का निस्तारण
शहर में नगर निगम सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर पूरी तरह से फेल है। निगम की तरफ से कूड़ा प्रबंधन के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। लेकिन अब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में फेल नगर निगम पर अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का चाबुक चलना शुरू कर दिया।
राजेश भट्ट, लुधियाना
शहर में नगर निगम सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर पूरी तरह से फेल है। निगम की तरफ से कूड़ा प्रबंधन के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में फेल नगर निगम पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का 'चाबुक' चलना शुरू हो गया।
एनजीटी के डंडे के बाद पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के अफसर भी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर एक्शन में आ गए हैं। निगम अफसर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर अब चारों तरफ से घिरते नजर आ रहे हैं। वहीं निगम अफसरों ने अब बल्क में कूड़ा पैदा करने वाले अलग-अलग यूनिटों को साफ कह दिया है कि 30 जून तक वे अपने कूड़े के निस्तारण के लिए अपने परिसरों में कंपोस्ट प्लांट बना लें और कूड़ा सेग्रीगेशन कर गीले कूड़े से खाद बनाना शुरू कर दें।
नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण के लिए जो एक्शन प्लान एनजीटी और पीपीसीबी को सौंपा है, उसमें निगम ने शहर के 250 से अधिक परिसरों की सूची बनाई है जो बल्क में कूड़ा पैदा करते हैं। इस सूची में शहर की कुछ सरकारी कॉलोनियों, होटलों, ढाबों, मैरिज पैलेसों, शिक्षण संस्थानों, बाजारों, क्लबों व अन्य परिसरों के नाम शामिल हैं। एक्शन प्लान के मुताबिक सभी परिसरों को अपने स्तर पर कूड़ा सेग्रीगेशन कर उसका निस्तारण करना होगा। इसके लिए 30 जून 2019 तक की डेडलाइन रखी गई है। पीपीसीबी पहले ही नगर निगम को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में फेल होने पर 50 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवाने का नोटिस जारी कर चुका है। एक्शन प्लान के मुताबिक निगम ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमें पर काम नहीं किया तो यह बैंक गारंटी जब्त हो जाएगी। किचन वेस्ट के लिए लगाने होंगे बायोगैस प्लांट
होटलों, मैरिज पैलेसों और ढाबों में भारी मात्रा में किचन वेस्ट निकलती है। यह सब गीला कूड़ा होता है और नगर निगम को इसकी प्रोसेसिग करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। एक्शन प्लान के मुताबिक बड़ी मात्रा में किचन वेस्ट पैदा करने वाले होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंटों व मैरिज पैलेसों को बायोगैस प्लांट लगाने होंगे ताकि किचन वेस्ट से बनने वाली गैस को वह ईंधन के तौर पर अपने किचन में प्रयोग कर सकें और उसके बाकी बचे पदार्थ को खाद के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। इसी तरह रेजिडेंशियल कॉलोनियों, दफ्तरों, मार्केटों व सब्जी मंडियों में कंपोस्ट प्लांट बनाए जाने हैं। कूड़ा प्रबंधन के लिए 40 दिन का वक्त
बड़े परिसरों को कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था करने के लिए अब महज 40 दिन शेष बच गए हैं। निगम ने बल्क में कूड़ा पैदा करने वाले परिसरों को 30 जून तक का वक्त दिया है। ऐसे में सभी को अब अपने अपने परिसरों में कंपोस्ट प्लांट या बायोगैस प्लांट लगाने पर काम शुरू करना पड़ेगा। एक्शन प्लान में शामिल किए गए परिसर
रेजिडेंशियल कॉलोनियां- 33
होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे- 61
शिक्षण संस्थान - 56
अस्पातल - 16
क्लब - 6
बड़े पार्क- 5
धार्मिक स्थल- 12
सरकारी दफ्तर व परिसर - 11
जेल- 3
सब्जी मंडी व फ्रूट मंडी: 2
आर्मी परिसर - 2
मैरिज पैलेस - 9
मार्केट - 17
उद्योग- 19
---
कोट्स
नगर निगम को एक्शन प्लान के हिसाब से काम करने को कहा गया है। अगर निगम ने एक्शन प्लान के हिसाब से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम नहीं किया तो पीपीसीबी बैंक गारंटी भी जब्त कर सकता है। यही नहीं निगम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
-संदीप बहल, एसई पीपीसीबी लुधियाना
--------
कोट्स
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नगर निगम ने एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत अफसरों को काम करने के लिए कह दिया गया है। बल्क में कूड़ा पैदा करने वालों की लिस्ट तैयार की गई थी। लिस्ट के अलावा भी सभी बड़े परिसरों को कूड़ा सेग्रीगेशन करके उसका निस्तारण करना होगा।
-बलकार सिंह संधू, मेयर लुधियाना