लोग बोले- बुनियादी सुविधाएं और देश की सुरक्षा हो सरकार की प्राथमिकता
लोकसभा चुनाव की गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है जबकि मौसम की गर्मी से आम जन परेशान हैं। इन सबके बीच हम खन्ना जाने के लिए बस स्टैंड पहुंचे।
जेएनएन, लुधियाना। लोकसभा चुनाव की गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है, जबकि मौसम की गर्मी से आम जन परेशान हैं। इन सबके बीच हम खन्ना जाने के लिए बस स्टैंड पहुंचे। वहां पर बसों के कंडक्टर सवारियों को जोर-जोर से अवाजें लगा रहे थे। हम भी लुधियाना से अंबाला की ओर जा रही बस में सवार हो गए। करीब पौने बारह बजे बस अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई। गर्मी के कारण लोग दोपहर के वक्त यात्रा करने में परहेज करते हैं, ऐसे में यात्रियों की संख्या भी सीमित रही। शहर के अंदर प्रमुख चौकों पर बस रुकती और इक्का-दुक्का सवारी चढ़ती रही। गर्मी की वजह से सभी चुपचाप बैठे थे। तभी हमने लोकसभा चुनाव की चर्चा छेड़ी तो यात्री भी उसमें शामिल हो गए।
कोई नोटबंदी से परेशानी की बात कर रहा था तो कोई जीएसटी लगने के बाद हुई परेशानी बता रहा था। वहीं कोई सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े करने वालों को कोस रहे थे। कुल मिला कर बस में माहौल राजनीतिक हो गया और गर्मागर्म चर्चा होने लगी। यात्री देश में ऐसी सरकार चाहते हैं जो आम आदमी को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराए, देश में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करे। युवाओं को रोजगार के अवसर दे। महिलाओं के सम्मान की रक्षा करे। देश की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए।
इसके अलावा चर्चा के दौरान राजनीतिक के वर्तमान स्वरूप पर यात्रियों में नाराजगी साफ देखने को मिली। एक यात्री बोला कि पहले चुनाव में जनता से जुड़े मुद्दों पर बात होती थी। उनके समाधान की चर्चा होती थी, लेकिन अब राजनीति मुद्दों को पीछे छोड़ती हुई जुमलों एवं आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गई है। मुद्दों की बात कोई नहीं कर रहा है। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच भाषा की मर्यादा भी तार-तार हो रही है, लेकिन इसमें गिरावट का दौर जारी है। इन सबके बीच जनता के मुद्दे, उनकी समस्याएं दब गई हैं और लोग इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।
लोगों का कहना है कि चुनाव से पहले नेता लोगों से वादे करते हैं, वोट मांगते हैं और फिर पांच साल तक गायब हो जाते हैं। यह सिलसिला पिछले कई सालों से बदस्तूर जारी है। देश को विकसित श्रेणी में लाने के लिए जन समस्याओं का समाधान करना होगा। बुनियादी सुविधाएं मुहैया करानी होंगी, ताकि लोगों का जीवन स्तर भी ऊपर उठ सके।
सरकार बदलती है पर सुविधाएं नहीं मिलती: राव अवतार
सरहिंद तक जा रहे हैबोवाल निवासी बुजुर्ग राम अवतार ने कहा कि हर पांच साल बाद सरकार बदलती है, लेकिन आम लोगों को कोई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। वे बोले कि उनके इलाके में कई जगहों पर सड़कों की हालत खस्ता है। सीवरेज पानी तक का इंतजाम नहीं है। आजादी के इतने साल बाद भी आम आदमी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक कर देश के दुश्मनों को सबक सिखाया। अब इसके सुबूत मांगना गलत है।
जीएसटी पूरे होमवर्क के साथ लागू करना चाहिए था : पंकज कुमार
बस में सवार एक अन्य यात्री पंकज कुमार ने कहा कि वे निजी कंपनी में प्रबंधक हैं। उनका तर्क रहा कि सरकारों ने आज तक जनता की सुध नहीं ली है। जीएसटी को लागू किया, लेकिन इसने शुरू में काफी परेशान किया। पूरे होमवर्क के बाद ही इसे लागू करना चाहिए था। इसके अलावा नोटबंदी ने पूरी व्यवस्था पर ही विपरीत असर डाला।
देश में बेरोजगारी बढ़ रही है: मनिंदर पाल सिंह
यात्री मनिंदर पाल सिंह ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। होनहार विदेशों का रुख कर रहे हैं। देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार को युद्धस्तर पर काम करना होगा। बेरोजगारी के चलते युवा अपने रास्ते से भटक रहे हैं।
सेहत एवं शिक्षा लगातार महंगी हो रही : गुरिंदर सिंह
राजपुरा जा रहे कारोबारी गुरिंदर सिंह ने भी चर्चा को गर्म करते हुए कहा कि सेहत एवं शिक्षा लगातार महंगी हो रही है। आम आदमी के लिए अपने बच्चों को शिक्षित करना आसान नहीं है। इसके लिए लोग कर्ज तक लेने को मजबूर हैं। गुरिंदर ने कहा कि सेहत एवं शिक्षा को बेहतर, उच्च क्वालिटी की और सस्ती करना जरूरी है, ताकि हर आदमी को इसका लाभ मिल सके।
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