अंधाधुंध दोहनः 27 करोड़ लीटर पानी की जरूरत, 45 करोड़ लीटर निकाला जा रहा
शहर की आबादी साल दर साल बढ़ती जा रही है। अकेले नगर निगम क्षेत्र की बात करें तो 20 साल में आबादी 14 लाख से 20 लाख के करीब पहुंच गई है।
राजेश भट्ट, लुधियाना। शहर की आबादी साल दर साल बढ़ती जा रही है। अकेले नगर निगम क्षेत्र की बात करें तो 20 साल में आबादी 14 लाख से 20 लाख के करीब पहुंच गई है। जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है वैसे-वैसे पीने के पानी की जरूरत बढ़ती जा रही है। हालात ये हैं कि जमीन के नीचे पानी की मात्रा सीमित होती जा रही है। जो स्पष्ट तौर पर खतरे का सिगनल है। नगर निगम लुधियाना क्षेत्र में 850 ट्यूबवेल हैं जिनसे रोजाना 45 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है। मानकों के हिसाब से अगर देखा जाए तो 27 करोड़ पानी की जरूरत है। इस तरह देखा जाए तो शहर में करीब प्रत्येक दिन 18 करोड़ लीटर पानी जमीन के नीचे से ज्यादा निकाला जा रहा है। नगर निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों और बुड्ढा दरिया में से निकलने वाले पानी की मात्रा देखें तो रोजाना धरती के नीचे से करीब 70 करोड़ लीटर पानी निकाला जा रहा है।
प्रति व्यक्ति रोजाना चाहिए 135 लीटर पानी
सेंट्रल वाटर अथॉरिटी के मानकों के हिसाब से एक व्यक्ति को प्रतिदिन 135 लीटर पानी की जरूरत होती है। लुधियाना शहर की आबादी 20 लाख के करीब है। ऐसे में अगर आंकलन किया जाए तो कुल 27 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है। इससे साफ है कि 18 करोड़ लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। इसके अलावा ज्यादातर घरों में सबमर्सिबल पंप लगे हैं। अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 25 हजार सबमर्सिबल पंप भी लगे हैं। इससे साफ है कि जितना पानी नगर निगम के ट्यूबवेलों से निकाला जा रहा है उतना ही पानी सबमर्सिबल के जरिए भी जमीन के नीचे से निकाला जा रहा है। बुड्ढा दरिया व निगम एसटीपी से रोजाना करीब 700 एमएलडी (मिलियन लीटर डिस्चार्ज यानी कितना पानी इस्तेमाल कर सतलुज में फेंका जा रही) पानी निकलता है। लुधियाना में पानी का स्रोत सिर्फ जमीनी पानी है। इसके अलावा कोई अन्य सोर्स नहीं है। इससे साफ है कि शहर में जमीन के अंदर से रोज करीब 70 करोड़ लीटर पानी निकाला जा रहा है।
हर साल 30 से 35 ट्यूबवेल दे देते हैं जवाब
नगर निगम ने पानी की सप्लाई के लिए 850 के करीब ट्यूबवेल लगाए हैं। गर्मियां आते ही शहर में लगभग 30 से 35 ट्यूबवेल हर साल जवाब दे देती हैं। इसलिए या तो उनकी मोटरों को और नीचे किया जाता है या फिर दोबारा से बोर किया जाता है। 20 साल पहले इस्तेमाल करने योग्य पानी जमीन में 40 से 60 फीट तक था, वहीं पीने वाला पानी 100 से 120 फीट तक था। अब स्थिति यह है कि पीने वाला पानी करीब 300 फीट नीचे चला गया है। वहीं नगर निगम पिछले कुछ वर्षों से ट्यूबवेल 450 फीट की गहराई पर लगा रहा है ताकि ट्यूबवेल कुछ वर्षों तक चलते रहें।
20 साल में 14 से 20 लाख हुई शहर की जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार लुधियाना नगर निगम की क्षेत्र की जनसंख्या 13 लाख 95 हजार 053 थी। यह 2011 में 16 लाख 18 हजार 879 हो गई। पर अब लुधियाना नगर निगम की जनसंख्या 20 लाख रुपये के करीब पहुंचने का अनुमान है। इसी गति से जनसंख्या बढ़ती रही तो आने वाले दो दशकों में शहर की आबादी 26 लाख के करीब पहुंच जाएगी। यही नहीं लुधियाना नगर निगम क्षेत्र के आसपास के क्षेत्र को भी जोड़ दिया जाए तो शहर की आबादी वर्तमान में भी 25 लाख के पार है।
नहरी पानी से सप्लाई देने की है योजना, रिपोर्ट तैयार
नगर निगम ने अब शहर में नहरी पानी से पीने के पानी की सप्लाई देने की योजना बनाई है। स्मार्ट सिटी के एबीडी एरिया में नहरी पानी से सप्लाई देने की योजना के टेंडर लगाए जा रहे हैं। पूरे शहर को सप्लाई देने के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर दी गई है और विश्व बैंक से इसके लिए फंड लेने की दिशा में काम चल रहा है। विश्व बैंक से फंड मिल जाता है तो आने वाले पांच सालों में शहर में नहरी पानी से सप्लाई दी जा सकती है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप