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शराब पीते हुए बस चला रहा था ड्राइवर, यात्री ने टोका तो बोला- हमारा रोज का ही काम है और जा पलटी Ludhiana News

हादसे में दस सवारियों को चोटें आई हैं जिन्हें डीएमसी और सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। घायलों में कुछ महिलाएं और बुजुर्ग भी हैं।

By Vikas KumarEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 10:27 AM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 10:27 AM (IST)
शराब पीते हुए बस चला रहा था ड्राइवर, यात्री ने टोका तो बोला- हमारा रोज का ही काम है और जा पलटी Ludhiana News
शराब पीते हुए बस चला रहा था ड्राइवर, यात्री ने टोका तो बोला- हमारा रोज का ही काम है और जा पलटी Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। शहर के जालंधर रोड पर हार्डीज वर्ल्ड से कुछ दूरी पर पाल ट्रांसपोर्ट कंपनी की बस पलट गई। इस हादसे में दस सवारियों को चोटें आई हैं, जिन्हें डीएमसी और सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। घायलों में कुछ महिलाएं और बुजुर्ग भी हैं। बस पुल से दो बार पलटी खाकर सर्विस लेन तक आकर गिरी। बस में करीब 40 सवारियां थीं जिनमें से दस को ज्यादा चोट आई हैं। थाना सलेम टाबरी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बस में सवार बूटा सिंह निवासी फ्रेंड्स कॉलोनी मेहरबान ने बताया कि बस का ड्राइवर और कंडक्टर ने फगवाड़ा से शराब पीनी शुरू कर दी थी।

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उसने उसे रोका भी था और वह बोला कि कहीं नहीं जाती बस, हमारा तो रोज का काम है और कुछ ही समय के बाद बस पुल से नीचे गिर गई। जैसे ही बस पलटी, वहां पर मौजूद लोगों ने बस का फ्रंट शीशा तोड़ा और इसके रास्ते से सवारियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। जिन्हें मामूली चोटें थीं, उन्हें वहां से प्राइवेट वाहनों में घर भेज दिया गया। कुछ घायलों को आसपास क्लीनिक से दवा दिला दी गई। गंभीर घायलों को डीएमसी व सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। घायलों में बूटा राम, लेख राज फ्रेंड्स कॉलोनी मेहरबान, गुरमुख सिंह शिमलापुरी, अमृतपाल शिमलापुरी, लक्षमी मॉडल टाउन, राज कुमार करतारपुर, र¨वदर कुमार हरगो¨बदर नगर सिंह आदि लोग शामिल हैं।

पलटी खाने के बाद सर्विस लेन पर जाकर गिरी बस और हादसे की तस्वीरें लेते राहगीर।

शहर से नहीं भेजी गई एक भी एंबुलेंस, फिल्लौर से मंगवानी पड़ी

हैरत की बात यह है कि हादसे के बाद शहर से एंबुलेंस ही मुहैया नहीं हो पाईं, 108 हेल्पलाइन की एंबुलेंस फिल्लौर से आई और इसके बाद घायलों को सिविल अस्पताल लगाया गया। जिनके रिश्तेदार थे, वह उनके साथ गाड़ियों में बैठकर चले गए। जो अकेले थे, वह सड़क पर ही बैठे रहे। एंबुलेंस आई तो उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। हादसा करीब साढ़े आठ बजे का है और घायलों को रात दस बजे के करीब अस्पताल पहुंचाया गया। जबकि सिविल अस्पताल से घटनास्थल तक पहुंचने का रास्ता ज्यादा से ज्यादा बीस मिनट का है।

सायरन बजाने के बावजूद टोल वालों ने नहीं जाने दिया: एंबुलेंस कर्मी

मौके पर मौजूद 108 एंबुलेंस के कर्मियों का कहना था कि उन्हें करीब सवा छह बजे कॉल आई थी। इसके बाद वह फिल्लौर से घटनास्थल के लिए रवाना हुए। रास्ते में टोल प्लाजा पर वीआइपी लेन में दूसरी गाड़ियों की पर्ची काटी जा रही थी। वह सायरन बजाते रहे मगर टोल प्लाजा वालों ने उन्हें निकलने नहीं दिया। यह भी बड़ी लापरवाही है। जब तक वह वहां पहुंचे तब तक मरीजों को प्राइवेट वाहनों के जरिए अस्पतालों में पहुंचा दिया गया था। उनके अनुसार लुधियाना की सभी एंबुलेंस व्यस्त होने के कारण वह नहीं पहुंचे।


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