तीन घंटे की बारिश से हजारों एमटी गेहूं भीगी
बारिश से सुल्तानपुर लोधी मंडी में रखी गेहूं की हजारों बोरियां भीग गई।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : पिछले एक माह से मौसम का मिजाज बदल रहा है। किसानों ने जैसे-तैसे अपनी फसल काट कर मंडियों में पहुंचा दी थी। खरीद एजेंसियों ने गेहूं की खरीद भी कर ली लेकिन जिले की कई मंडियों में खुले आसमान तले पड़ी हजारों गेहूं की बोरियां बारिश की वजह से भीग रही है। वीरवार को सुल्तानपुर लोधी मंडी में खुले आसमान तले भी पड़े हजारों गेहूं की बोरियां भीग गई। गेहूं के इन बोरियों पर न तो तिरपाल डाला गया था और न ही उसे शेड के नीचे स्टोर किया गया था। यही हाल टिब्बा, फत्तूढींगा व वडाला कला आदि मंडियों का हाल है। बारदाना देर से मिलने और गोदामों में जगह कम होने की वजह से अभी तक गेहूं मंडियों में ही पड़ी है।
उधर, इस बारिश से खरबूजा उत्पादक किसान काफी चिंतित है। अभी खरबूजे की फसल की आमद शुरू ही हुई है। वीरवार को दिन भर हुई बारिश के चलते खरबूजा, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, घिया व रामा तोरी आदि सब्जियों के खेतों में भी पानी जमा हो गया है। कई किसान इस बार धान की सीधी बिजाई की तैयारी में जुटे थे। खेतों में बारिश का पानी जमा होने से यह काम कुछ दिनों के लिए टल गया है।
इस संबंध में गांव बरिदरपुर के किसान मलकीत सिंह व सैदोवाल निवासी गुरजिदर सिंह का कहना है कि दो तीन दिनों बाद फिर से बारिश होने लगी है। वीरवार को तो बारिश काफी ज्यादा हुई है, जिससे खरबूजे व पुदीने की फसल को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारिश से बेट क्षेत्र में लगी सब्जियों को भी क्षति पहुंचने का खतरा पैदा हो गया है।
उधर, बारिश से खेतों में पानी भर गया है जिससे कई दिनों तक जुताई का काम भी रुक गया है। जिससे किसान दोगुने परेशान है। लगातार मौसम खराब होने से किसानों को अपने सपने टूटते हुए दिखाई दे रहे है बारिश से उनकी धान की बिजाई लेट होने लगी है। इस संबंध में डडविडी के किसान बिक्रमजीत सिंह व सोढ़ी सिंह का कहना है कि उन्होंने गेहूं की फसल भी बारिश में ही संभाली थी और अब हरी व शिमला मिर्च भी बारिश की चपेट में आ गई है। मलकू सिंह व बचिदर सिंह का कहना है कि किसान का सारा दारोमदार फसल पर होता है लेकिन वीरवार को हुई तेज बारिश ने एक बार फिर से किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है।
वीरवार सुबह से देर रात कर हो रही बारिश की वजह से खेतों में पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। खेतों में जुताई का काम भी रुक गया है जबकि धान की सीधी बिजाई के लिए जमीन का समतल होना बहुत जरुरी है। किसान जगजीत सिंह एवं परविदर सिंह का कहना है कि लेबर की कमी के कारण उन्होंने ड्रिल से धान की बिजाई करने की योजना बनाई थी लेकिन बरसात ने काम लेट कर दिया है।
25 मई से धान की बिजाई कर सकते हैं किसान : डॉ. जुगराज सिंह
इस संबंध में केवीके के निर्देशक डा. जुगराज सिंह का कहना है कि धान की सीधी बिजाई के लिए 25 मई से 15 जून तक का बेहद उपयुक्त समय है। इस दौरान किसान ड्रिल से धान की बिजाई कर अच्छा उत्पादन ले सकते है।