पंजाब-हिमाचल के नदी-नालों की निगरानी संत सीचेवाल के हाथ
एनजीटी ने पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल को पंजाब व हिमाचल प्रदेश के कुदरती जल स्रोतों की निगरानी कमेटी का चेयरमैन बनाया है।
कपूरथला [हरनेक सिंह जैनपुरी]। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल को पंजाब व हिमाचल प्रदेश के कुदरती जल स्रोतों की निगरानी कमेटी का चेयरमैन बनाया है। कमेटी में सेंट्रल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) से ए सुधाकर व नीरज माथुर और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) के करुणोश गर्ग के अलावा विभिन्न विभागों के पांच अन्य अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है। पहले सरकारी विभाग एनजीटी से नदियों में प्रदूषण की बात छुपाते आ रहे थे अब सीचेवाल के चेयरमैन बनने के बाद सभी विभाग उन्हें रिपोर्ट करेंगे।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र शब्द पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत के महत्व को जनमानस के दिल में बिठाने वाले सीचेवाल को यह सम्मान उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के कार्यो के लिए दिया गया है। उनकी रिपोर्ट पर ही बुधवार को एनजीटी ने पंजाब सरकार को नदियां प्रदूषित होने पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। संत सीचेवाल ने कहा कि अभी तो बहुत काम पड़ा है। काला संघिया ड्रेन व बुड्ढा नाला को साफ करना बढ़ी चुनौती है, इसे अंजाम तक पहुंचाना होगा।
ब्यास में शीरा, हिमाचल में अवैध खनन की जांच सौंपी
हिमाचल में अवैध खनन और ब्यास दरिया में शुगर मिल का सीरा जाने के मामले की जांच भी सीचेवाल को सौंप दी गई है। उन्होंने मालवा व दोआबा के लगभग 44 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों पर दबिश दे रिपोर्ट एनजीटी को भेजी थी। लुधियाना के बुड्ढा नाला, काला संघिया व जमशेर ड्रेन को दरियाओं में जाने से रोकना प्राथमिकता है।