आरसीएफ ने तोड़े सारे रिकार्ड, सितंबर में 152 एलएचबी कोचों का निर्माण
कोरोना काल के बीच सितंबर माह के दौरान रेल कोच फैक्टरी कपूरथला ने एलएचबी डिब्बों के निर्माण में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस महीने में आरसीएफ ने 152 एलएचबी कोचों का निर्माण किया है।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : कोरोना काल के बीच सितंबर माह के दौरान रेल कोच फैक्टरी कपूरथला ने एलएचबी डिब्बों के निर्माण में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस महीने में आरसीएफ ने 152 एलएचबी कोचों का निर्माण किया है। यह सन 2002 में भारतीय रेल द्वारा एलएचबी कोचों के उत्पादन की शुरूआत किए जाने से लेकर अब तक किसी भी उत्पादन इकाई का सर्वाधिक मासिक उत्पादन है। इससे पहले जुलाई महीने में आरसीएफ 151 एलएचबी डिब्बों का निर्माण कर चुका है।
इस संबंध में आरसीएफ के महाप्रबंधक रवीन्द्र गुप्ता ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में आरसीएफ ने कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते 604 कोचों का उल्लेखनीय निर्माण किया है जिसमें से 601 एलएचबी डिब्बे हैं। सितंबर महीने में आरसीएफ से जबलपुर-भोपाल जन शताब्दी गाड़ी के लिए 19 डिब्बों का रैक तैयार कर रवाना किया गया। सितंबर में उच्च क्षमता वाली पार्सल वैन के लिए 42 डिब्बों का निर्माण किया गया। जीएम गुप्ता ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में आरसीएफ ने अभी तक 163 पार्सल वैन डिब्बे बनाए हैं।
जर्मनी से हासिल की गई थी एलएचबी टेक्नोलॉजी
जीएम गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2002 में मैसर्स एलस्टॉम, जर्मनी से एलएचबी टेक्नोलॉजी आरसीएफ ने प्राप्त की थी। 23 जून 2003 को आरसीएफ से पहला एलएचबी युक्त डिब्बों का राजधानी रैक तैयार कर रवाना किया था। तब से आरसीएफ ने अब तक 6500 से अधिक एलएचबी डिब्बों का निर्माण किया है। इन डिब्बों को पहले पहले भारत की प्रीमियम गाड़ियां जैसे राजधानी, शताब्दी, दुरन्तो, डबल डेकर में लगाया जाता रहा मगर इन डिब्बों की उपयोगिता देखकर इन्हें लम्बी दूरी की मेल एक्सप्रेस गाड़िया तथा अन्य सामान्य गाड़ियों मे भी लगाया जा रहा है।
डिब्बे स्टेनलेस स्टील से हैं बने
महाप्रबंधक रवीन्द्र गुप्ता ने बताया कि स्टेनलेस स्टील से बने यह डिब्बे तेज गति से चलने में सक्षम हैं। इन डिब्बों में विश्वस्तरीय मानकों के अनुसार कई ऐसी विशेषताएं शामिल की गई हें जो कि यात्रा को अत्यंत सुविधाजनक बनाती हैं। इन डिब्बों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और फायर अलार्म भी लगाए गए हैं। भारतीय रेल की नवीनीकरण के लिए सबसे पहले आरसीएफ ने एलएचबी टेक्नोलॉजी को अपनाया और इसके बाद इंटेगरल कोच फैक्टरी, चेन्नई और मॉडर्न कोच फैक्टरी, रायबरेली ने भी इनका नियमित उत्पादन शुरू किया है।