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आरसीएफ का निजीकरण हुआ तो तबाह जाएंगे परिवार

रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने पंजाब से बेरोजगारी दूर करने व पंजाब का विकास करने में अहम भूमिका निभाई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 12:21 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 12:21 AM (IST)
आरसीएफ का निजीकरण हुआ तो तबाह जाएंगे परिवार
आरसीएफ का निजीकरण हुआ तो तबाह जाएंगे परिवार

जागरण संवाददाता, कपूरथला : रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने पंजाब से बेरोजगारी दूर करने व पंजाब का विकास करने में अहम भूमिका निभाई है। मैं इस अति महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे को संसद में माननीय रेल मंत्री एवं माननीय प्रधानमंत्री जी के पास रखने का कार्य करूंगा, ताकि भारतीय रेलवे की सभी प्रोडक्शन यूनिटों को कारपोटाईजेशन बनाने का आदेश वापस हो सके।

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यह आश्वासन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक ने रेडिका की सभी यूनियनों एवं एसोसिएशनों की ओर से निगमीकारण/निजीकरण के विरोध में गठित आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधिमंडल को दिया। प्रतिनिधिमंडल ने कन्वीनर जसवंत सिंह सैनी, सचिव सर्वजीत सिंह, कैशियर मनजीत बाजवा और सुनील कुमार की अगुवाई में श्वेत मलिक से मुलाकात की थी।

डेलीगेशन ने मेंबर राज्यसभा एवं प्रधान बीजेपी पंजाब को ज्ञापन पत्र देकर अवगत करवाया कि रेल कोच फैक्ट्री की आधारशिला पंजाब में शांतिमय माहौल की बहाली के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के मध्य हुए एक ऐतिहासिक समझौते के तहत उस समय रखी जब पंजाब प्रदेश भंयकर त्रासदी से गुजर रहा था।

भारत सरकार की इस बड़ी कोच निर्माण फैक्ट्री को लगाने के लिए निकटवर्ती गावों के किसानों ने जहां अपनी उपजाऊ भूमि सस्ते दाम पर देकर बहुमूल्य योगदान दिया वहीं हजारों बेरोजगार नौजवानों को रोजगार मिलने पर पंजाब में शांति बहाल हुई।

साथ ही साधारण सवारी डिब्बा बनाने वाली इस फैक्ट्री में यहां के कर्मचारियों ने अपनी लगन एवं मेहनत से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अति-आधुनिक हाई स्पीड रेलवे कोच बनाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। भारत सरकार अब कारखाने का निजीकरण करके कर्मचारियों उनके परिवारों और बच्चों को बेघर करने पर आमादा है। निजीकरण से कर्मचारियों उनके परिवारों की बर्बादी के साथ-साथ रेल कोच फैक्ट्री पर निर्भर कपूरथला की छोटी-बड़ी इंडस्ट्री और इलाके में पड़ रहे सभी छोटे उद्योग बंद हो जाएंगे।


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