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आरसीएफ प्रशासन के खिलाफ भड़के कर्मचारी

कर्मचारियों के अधिकारों और जायज मांगों को लेकर आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन ने किया प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 07:14 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 01:43 AM (IST)
आरसीएफ प्रशासन के खिलाफ भड़के कर्मचारी
आरसीएफ प्रशासन के खिलाफ भड़के कर्मचारी

जागरण संवाददाता, कपूरथला : कर्मचारियों के अधिकारों और जायज मांगों को लेकर आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन के तीन दिवसीय रोष प्रदर्शन के आखिरी दिन खराब मौसम के बावजूद आरसीएफ प्रशासन की गलत नीतियों खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला।

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इस मौके पर युवा नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को गैर-तकनीकी कार्य पर लगाना और उनसे योग्यता से निचले स्तर काम करवा कर न केवल उनकी योग्यता का अपमान किया जा रहा है बल्कि कोचों की गुणवत्ता से समझौता कर यात्रियों की जान भी जोखिम में डाली जा रही है।

सुबह 7.15 से दोपहर 12 बजे तक चले धरने में चर्चा करते हुए युवा साथियों तरलोचन सिंह, भारत राज, नरिदर सिंह बाजवा, संदीप कुमार, हरदीप सिंह, परमजीत सिंह पम्मा, पंकज राजवंश, नवप्रीत सिंह, अरविद शाह, अनिल कुमार, पवन कुमार, रणजीत सिंह, सन्नी कुमार. रघबीर सिंह आदि ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए भारत सरकार और प्रशासन की गलत नीतियों को चुनौती देते हुए अधिकारों की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

इस धरने के बाद खचाखच भरी गेट मीटिग को संबोधित करते हुए आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन और भारतीय रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के महासचिव कामरेड सर्वजीत सिंह ने कहा कि देश में ट्रेनें डेढ़ साल से बंद हैं, लेकिन आरसीएफ प्रशासन कोच उत्पादन बढ़ाने के फरमान जारी कर रहा है। दूसरी ओर एक्ट अपरेंटिस (तकनीकी योग्यता) वाले हेल्परों, सिविल विभाग के कर्मचारियों और ड्राइवरों को वरियता के आधार पर उत्पादन क्षेत्र में भेजने में आनाकानी कर रहा है ताकि नौकरशाही अपनी जेब गर्म कर सके। इसे आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी और जब तक कर्मचारियों की मांगों का उचित समाधान नहीं हो जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

गेट मीटिग को संबोधित करते हुए प्रेस सचिव अमरीक सिंह ने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को गैर-तकनीकी कार्य पर लगाना और उनसे योग्यता से निचले स्तर काम कराकर न केवल उनकी योग्यता का अपमान किया जा रहा है बल्कि अयोग्य ठेकेदारों, आउटसोर्स श्रमिकों को काम देकर कोचों की गुणवत्ता से खिलवाड़ कर यात्रियों की जान माल को खतरे में डाल देश को महाशक्ति बनाने का भ्रम पाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं और मेहनतकश लोगों का अपमान करने से कोई भी देश महाशक्ति नहीं बन सकता।

संयुक्त सचिव मनजीत सिंह बाजवा ने कहा कि यूनियन ने लंबे विचार-विमर्श के बाद और कोरोना संकट के बावजूद कर्मचारियों की उपरोक्त मांगों के समाधान के लिए संघर्ष का बिगुल बजाया है और जब तक उपरोक्त मांगे पूरा नहीं हो जाती तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

आरसीएफ में सामग्री की कमी और गुणवत्ता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आरसीएफ प्रशासन उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री की निरंतर आपूर्ति प्रदान करने में विफल रहा है। उन्होंने किसानों, आयुध कारखानों के कर्मचारियों और पंजाब व देश भर में अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाले लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि आरसीएफ इम्प्लाइज यूनियन संयुक्त संघर्ष में हमेशा शामिल रहेगा क्योंकि श्रमिकों और वंचित लोगों की आपसी एकजुटता एवं संघर्ष ही आत्मरक्षा का एकमात्र हथियार है। स्टेज संचालक की भूमिका युवा नेता साथी तलविदर सिंह ने बखूबी निभाई। रोष धरने में हमारे सेवानिवृत्त साथी श्री पी के कौशल और श्री देवेंद्र कुमार विशेष रूप में पहुंचे और साथी दर्शन लाल, हरविदरपाल, बचित्तर सिंह, नरिदर कुमार, दलवाड़ा सिंह, शरणजीत सिंह, प्रदीप सिंह, दलवाड़ा सिंह, गुरतेज सिंह, बलदेव राज, अवतार सिंह, कर्ण कुमार, रवि कुमार, विनोद कुमार, ओम प्रकाश, धर्मपाल, रणधीर सिंह, हरप्रीत सिंह, मदन कुमार आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।


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