पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर रेल कर्मियों ने दिखाई एकजुटता
जागरण संवाददाता, कपूरथला : रेल डिब्बा कारखाना कपूरथला में नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम एवं फ्र
जागरण संवाददाता, कपूरथला : रेल डिब्बा कारखाना कपूरथला में नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम एवं फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के आव्हान पर आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन व फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे आरसीएफ द्वारा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विशाल जन कन्वेशन करवाई गई। जिसमें रेलवे के फिरोजपुर डिवीजन के तहत आते जालंधर, अमृतसर, लुधियाना व वर्कशापों एवं अन्य डिवीजनों सहित पूरे पंजाब से बड़ी संख्या में रेल कर्मियों ने भाग लिया।
इस विशाल जन कन्वेंशन के मुख्य वक्ता विजय कुमार बंधु राष्ट्रीय अध्यक्ष नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम ने कहा कि अन्याय के खिलाफ सदैव से पंजाब के क्रांतिकारियों ने जंग लड़ी है, चाहे देश की आजादी के लिए शहीद-ए-आजम भगत सिंह हों, जिन्होंने आजादी के लिए फांसी का फंदा चूमा था। यह क्रांति व बलिदान की धरती है। आज इस पवित्र भूमि से हम 'एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो' जंग का एलान करते हैं, हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक इस बुराई को जड़ से उखाड़ नहीं देंगे। बंधू ने कहा कि एनपीएस को रद करने के लिए आरसीएफ कर्मियों का उमड़ा यह जनसैलाब पुरानी पेंशन बहाल करवा कर ही दम लेगा। उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम के अधीन सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों और उनके परिवारों की यह त्रासदी देश की सरकार के दामन पर एक धब्बा है।
संगठन के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव एवं आरसीएफ इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष अमरीक सिंह ने कहा कि एक जनवरी 2004 व उसके बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन का हक छीनकर शेयर बाजार आधारित नई पेंशन स्कीम थोप दी गई है। अमरीक सिंह ने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि देश के सांसद और विधायक केवल पांच वर्ष की सेवा के उपरांत पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ लेने के हकदार हो जाते हैं, परंतु सरकारी कर्मचारी 60 वर्ष की आयु तक देश की अलग-अलग संस्थाओं मंत्रालयों में अपनी निरंतर सेवाएं देने के बावजूद भी बुढ़ापे में पहुंचकर इस महत्वपूर्ण लाभ से वंचित रहते हैं। आरसीएफ की बेटी श्वेता ने कहा कि हम सबको पता है कि एनपीएस में हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं है। दुनिया का इतिहास गवाह है कि जब भी कोई समस्या पैदा होती है तो उसका सबसे ज्यादा नुकसान महिलाओं को ही भुगतना पड़ता है। इसलिए अगर हम या हमारा कोई भी परिवारिक सदस्य एनपीएस स्कीम के अंतर्गत रिटायर्ड होता है तो उसका सबसे ज्यादा दूर प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है।
इस लड़ाई में फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के साथ खड़ा होना चाहिए व हमारे साथियों, भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश से न्यू पेंशन स्कीम इंप्लाइज एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरव वेद, आल इंडिया प्वाइंट्स मैन एसोसिएशन के केंद्रीय संयुक्त सचिव नवीन राठी, नार्दन रेलवे एंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष नरसिंह कुमार, फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे नार्दर्न जान के को-कन्वीनर मनीष हरिनंदन ने कहा कि जब तक यह स्कीम वापस लेकर उसकी जगह पुरानी पेंशन स्कीम बहाल नहीं होती यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा।
कन्वेशन को आइआरटीएसए के अध्यक्ष व आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष दर्शन लाल, एससी-एसटी इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष जीत सिंह, ओबीसी एसोसिएशन के सचिव अशोक कुमार, यूरिया आरसीएफ के अध्यक्ष जयपाल फोगाट, इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश सिंह एवं आरसीएफ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि यह आरसीएफ के इतिहास में सबसे बड़ी कन्वेंशन है। नई पेंशन नीति पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव व मनमोहन सिंह ने थोपी : मजदूर संघ
नई पेंशन स्कीम का उद्देश्य दरअसल 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह द्वारा देश पर थोपी गई नव उदारवादी नीतियों के तहत कर्मचारियों की पेंशन का निजीकरण करना ही था। दूसरी तरफ देश की सर्वोच्च अदालत और अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ का स्पष्ट मानना है कि कर्मचारियों को दी जाने वाली पेंशन रोजगार दाता या सरकार द्वारा दी गई कोई खैरात नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों की संपत्ति तथा पूंजी है, जिसे उनकी मर्जी के बिना रोका या कहीं और निवेश नहीं किया जा सकता। सभी कर्मचारी संगठन एकजुट हो दिखाएं अपनी ताकत : सुखजीत
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सुखजीत सिंह, फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष तरसेम कुमार, डीएलडब्लू बनारस से स्टाफ काउंसिल मेंबर एवं डीएलडब्ल्यू के संगठन सचिव सुशील कुमार ने नई पेंशन का का विरोध करते हुए सभी कर्मचारियों को इसके विरोध में एकजुट होने का आहवान किया। इस मौके पर संगठन सचिव आईआरएफ व महासचिव डीएमडब्ल्यू एंप्लाइज यूनियन ने कहा कि यह कन्वेशन पहले पटना, जबलपुर, बनारस और अब आरसीएफ में की जा रही है, क्योंकि भारतीय रेलवे तथा देश भर से नई पेंशन स्कीम से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की दिल दहलाने वाली तस्वीर सामने आई, जिसमें 523, 753, 1040 की मासिक पेंशन मिलने और बिहार जैसे राज्यों में मात्र चंद रुपए पेंशन मिलने के बहुत सारे केस सामने आए।