सौर ऊर्जा से चलेंगे ट्यूबवेल, जगमगाएंगे गांव, कपूरथला प्रोजेक्ट से किसानों को मुफ्त बिजली
पंजाब के कपूरथला स्थित गांव नत्थू चाहल में पंजाब का पहला सौर ऊर्जा बिजली घर बन रहा है। बिजली घर से किसानों को मुफ्त कनेक्शन दिए जाएंगे।
कपूरथला [हरनेक सिंह जैनपुरी]। बिजली गुल होने की वजह से अब किसानों की फसल सूखने की नौबत नहीं आएगी। वे बिना बिजली के भी ट्यूबवेल और सब मर्सिबल पंप चला सकेंगे। इसके साथ ही गांव के घर भी सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे। ऐसा संभव होगा जिले के गांव नत्थू चाहल में बन रहे पंजाब के पहले सौर ऊर्जा बिजली घर से। इस बिजली घर से करीब 178 सबमर्सिबल पंप सेटों की मोटरों को कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके लिए किसानों से पैसे नहीं लिए जाएंगे। पंजाब सरकार इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करने जा रही है। प्रोजेक्ट सफल होने पर इसे अन्य जिलों में भी शुरू किया जाएगा।
इस पायलट प्रोजेक्ट की योजना स्थानीय विधायक एवं पूर्व बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने तैयार की थी, जिसे सरकार ने 2020-21 के आम बजट में स्वीकृति दी थी। इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए एक छोटे ग्रिड की जरूरत थी। इसके लिए गांव नत्थू चाहल के 11 किलो वॉट के ग्रिड को सोलर सिस्टम से जोड़ने के लिए चुना गया है। इस ग्रिड के अधीन 14 किलोमीटर के दायरे में 178 ट्यूबवेल आते हैं। इनके लिए 1899 बीएचपी (बॉयलर हॉर्स पावर) की जरूरत पड़ती है। इस प्रोजेक्ट को पंजाब सोलर डेवलपमेंट लिमिटेड ने तैयार करेगा। पंजाब पावरकॉम ने इससे जुड़ी सभी तकनीकी जानकारियां उपलब्ध करवा दी हैं।
दो करोड़ का है प्रोजेक्ट
विधायक राणा गुरजीत सिंह का कहना है कि पंजाब में सौर ऊर्जा भरपूर मात्रा में उपलब्ध है, जिसका सदुपयोग कर हम बिजली की बचत कर सकते हैं। इसके बारे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से विस्तृत चर्चा हो चुकी है। लगभग दो करोड़ के बजट वाले इस प्रोजेक्ट पर तमाम तकनीकी कार्य हो चुके हैं, लेकिन कोरोना की वजह से काम आगे का काम शुरू होने में देरी हो रही है। फिलहाल 11 केवी का नत्थू चाहल ग्रिड नंगल नारायणगढ़ के 66 केवी से चल रहा है। 178 ट्यूबवेलों को सोलर सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।
हर ट्यूबवेल पर लगेंगे सोलर पैनल, बची बिजली से किसानों को होगी आय
पंजाब पावरकॉम के चीफ इंजीनियर इंदरपाल सिंह का कहना है कि हर किसान के ट्यूबवेल पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसमें किसान का कोई खर्च नहीं होगा। उन्हें सिर्फ जमीन देनी होगी। इसके बाद वह पहले की तरह जिस तरह मुफ्त बिजली की सुविधा ले रहे हैं, उन्हेंं मुफ्त सोलर पावर मिलती रहेगी। इस प्रोजेक्ट से जो बिजली बचेगी उसे बेचकर होने वाली आमदनी के पैसे किसानों में बांटे जाएंगे।
चार साल में वसूल हो जाएगी लागत
इस प्रोजेक्ट की लागत करीब चार साल में वसूल हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट की लाइफ करीब बीस साल मानी जाती है, जिससे 16 साल तक होने वाली आमदनी में किसान हिस्सेदार रहेंगे। इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे पंजाब के अन्य जिलों में भी शुरू किया जा सकेगा। ट्यूबवेल चलाने के बाद बचने वाली बिजली से गांवों के घरों व स्ट्रीट लाइटों के लिए भी सप्लाई करने की योजना है। ट्यूबवेल का प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद घरों और स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन भी सौर बिजली घर से जोड़े जाएंगे।