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पीटीयू कर्मियों ने मंत्री चरणजीत चन्नी के खिलाफ खोला मोर्चा

पीटीयू के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 09:09 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 09:09 PM (IST)
पीटीयू कर्मियों ने मंत्री चरणजीत चन्नी के खिलाफ खोला मोर्चा
पीटीयू कर्मियों ने मंत्री चरणजीत चन्नी के खिलाफ खोला मोर्चा

जागरण संवाददाता, कपूरथला : प्रदेश सरकार की ओर से कथित तौर पर आइके गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के वित्तीय संसाधनों को नष्ट करने के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके विरोध में पीटीयू के दो कर्मचारी संगठनों की तरफ से शुक्रवार को पंजाब सरकार एवं तकनीकि शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन किया तथा भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है।

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पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय कपूरथला के श्री चमकौर साहिब परिसर को कौशल विश्वविद्यालय के रूप में उन्नत करने की स्वीकृति दी गई है जबकि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में पहले से ही सुनवाई चल रही है। उच्च न्यायालय ने इससे पहले महाराजा रणजीत सिंह पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, बठिडा की स्थापना व इसे एक संवैधानिक निकाय के वित्तीय संसाधनों को दूसरे संवैधानिक निकाय में स्थानांतरित करने के लिए असंवैधानिक करार दिया था। इसके बावजूद यह कारवाई सरासर गलत है।

बताते चलें कि विश्वविद्यालय के सर्वोच्च अधिकार बोर्ड ऑफ गवर्नर्स हैं जिसे विश्वविद्यालय के प्रत्येक निर्णय को लेने का अधिकार है। पंजाब सरकार ने बिना बोर्ड आफ गवर्नर्स के हस्तक्षेप के पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय कपूरथला के गुरु गोबिद सिंह कौशल संस्थान को 2021-22 शैक्षणिक सत्र से कौशल विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया है। कौशल संस्थान को विश्वविद्यालय में अपग्रेड करने की घोषणा ऐसे समय में की गई थी जब निर्माण के नाम पर परिसर में एक भी ईंट नहीं बिछाई गई थी। यहां तक कि पंजाब सरकार की ओर से भूमि के हस्तांतरण के लिए पीटीयू को अभी तक नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट तक जारी नहीं किया गया है।

बताते चलें कि 2017 में पंजाब के मुख्यमंत्री ने चमकौर साहिब में कौशल विश्वविद्यालय के विकास की घोषणा की थी लेकिन सरकार के वित्तीय संकट के कारण, परियोजना को वित्तीय रूप से इंद्र कुमार गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के माथे मढ़ दिया गया था। पंजाब सरकार ने जानबूझकर कौशल विश्वविद्यालय के स्थापना की घोषणा की जबकि कोविड महामारी के कारण प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों या रैलियों पर सख्त प्रतिबंध थे। विश्वविद्यालय के कर्मचारी यूनियनों ने पहले ही हाईकोर्ट में इस संबंध में एक याचिका दायर कर रखी जो कि अदालत में लंबित है। प्रस्तावित कौशल विश्वविद्यालय की भूमि पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के चमकौर साहिब निर्वाचन क्षेत्र में आती है। परिणामस्वरूप, संबंधित मंत्री अपने सभी प्रभाव का उपयोग करते हुए और सभी नियमों को दरकिनार करते हुए कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालय का सर्वोच्च अधिकार बोर्ड आफ गवर्नर्स पर लगातार दबाव डाल रहा है। पीटीयू अपने स्वयं के कर भुगतान और अन्य देनदारी के कारण वित्तीय संकट झेल रहा है। अगर पंजाब सरकार की ओर से विश्वविद्यालय के वित्तीयय संसाधनों का दुरुपयोग किया जाता है तो विश्वविद्यालय के विकास और कर्मचारियों को वेतन के भुगतान के लिए कुछ भी नहीं बचेगा।

पीटीयू में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पवन खिची ने कहा कि पंजाब सरकार के पास पीटीयू के संबंध में ऐसा निर्णय लेने के लिए कोई अधिकार नहीं है। पिछली सरकार ने 2016 में पीटीयू को दो विश्वविद्यालयों में विभाजित करके महाराजा रणजीत सिंह पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय बनाने को भी मंजूरी दी थी। विश्वविद्यालय पर 550 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ डाला गया जिसके खिलाफ पीटीयू के सभी कर्मचारी संघों की ओर से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई थी। इस संबंध में सभी अधिकार विश्वविद्यालय के बोर्ड आफ गवर्नर्स में निहित हैं।

शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने कहा कि पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय जालंधर के श्री चमकौर साहिब परिसर को कौशल विश्वविद्यालय के रूप में उन्नत करने की स्वीकृति दी कर पंजाब सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन किया है। आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।


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