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कूड़ा निस्तारण के प्रबंध नहीं, खाद बनाने का प्रोजेक्ट अधर में

नगर निगम कपूरथला को सालों से ना तो कूड़ा फेंकने के लिए अपनी स्थाई जमीन मिल सकी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 02:17 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 02:17 AM (IST)
कूड़ा निस्तारण के प्रबंध नहीं, खाद बनाने का प्रोजेक्ट अधर में

नरेश कद, कपूरथला : कोरोना के कारण लगे क‌र्फ्यू की वजह से प्रदूषण तो लगभग खत्म हो गया। वहीं, नगर निगम कपूरथला के पास कूड़ा डंप करने के लिए ना तो जमीन मिल सकी है और न ही अभी तक कूडे़ से खाद बनाने का प्रोजेक्ट ही लग सका है। नगर निगम के कर्मचारी कांजली रोड पर किराये की जमीन में कूड़ा डंप कर रहे हैं। कूड़े में आग लगाकर निस्तारण करने की कोशिश की जाती है जिससे वातावरण प्रदूषित हो जाता है। शहर में कूड़े से खाद बनाने का प्रोजेक्ट भी अभी तक नहीं लग सका है। नगर निगम की ओर से अस्थायी तौर पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास ईटों से बॉक्स बना कर कूड़ा निस्तारण करने की खानापूर्ति की जाती है। दैनिक जागरण की टीम ने शहर के अलग-अलग जगहों का दौरा कर कूड़ा निस्तारण के प्रबंधों का जायजा लिया। टीम ने पाया कि नगर निगम के सफाई कर्मचारी दोपहर बारह बजे के बाद कूड़ा उठाना शुरू करते हैं। सरकार के आदेशों के मुताबिक कूड़े का ढ़ककर ले जाना होता है लेकिन नगर निगम के कर्मचारी हिदायतों का पालन नहीं करते हैं। सुबह के समय कूड़ा नहीं उठाया जाता है। नगर निगम के कर्मचारी रोजाना शहर से लगभग छह ट्रॉलियों में कूड़ा भरकर कांजली रोड पर सरकार की ओर से मुहैया करवाई गई 20 एकड़ में डंप करते हैं। निस्तारण का उचित प्रबंध नहीं होने से कई बार ज्यादा कूड़ा होने के कारण कूड़े में आग लगा दी जाती है। धुएं से कांजली रोड के पास रहने वाले लोगों को परेशानी का सामान करना पड़ता है तथा वातावरण प्रदूषित हो जाता है। सरकार की ओर से एक साल पहले कुष्ट आश्रम के पास कूड़े से गीले व सूखे लिफाफे निकालकर खाद बनाने के लिए 52 के करीब बॉक्स में कूड़ा डालकर खाद बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया गया था ताकि नगर निगम खाद बेचकर अपनी आय बढ़ा सके। शुरुआत में किसानों को मुफ्त में खाद भी दी जा रही थी। बॉक्स में गीले व सूखे लिफाफे डालकर खाद बनाने में लापरवाही बरती जा रही है। कोविड कचरे के निस्तारण को लेकर सिविल अस्पताल में प्रबंध नहीं

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उधर, सिविल अस्पताल में कोविड-19 संक्रमित कचरा के निस्तारण के लिए अभी तक कोई प्रबंध नहीं किया गया है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तीन बाल्टियों में से एक सिरिज, एक में कॉटन और पट्टियां और तीसरे में प्लास्टिक व कचरा डाला जा रहा है। कूड़ा खुले स्थान में पड़ा रहता है जिसे इमरजेंसी वार्ड में दाखिल मरीजों को कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां लगने का खतरा बन सकता है। अस्पताल में कोविड-19 के कचरे को लेकर अलग से व्यवस्था और सावधानी की जरूरत के चलते अलग-अलग बाल्टियां तो लगाई हुई है, लेकिन उनकी सेफ्टी नाममात्र है। कोविड-19 के कचरे का निस्तारण करने के प्रबंध अधूरे हैं। इस संबंध में सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. संदीप धवन का कहना है अस्पताल में कोविड के कचरे के निस्तारण का ध्यान रखा जा रहा है। इमरजेंसी वार्ड व आपरेशन थिएटर में सिरिंज, कॉटन, पट्टियां व खाली लिफाफे के लिए तीन तरह की बाल्टियां रखी गई है। इसमें हरी में प्लास्टिक, लाल में टीके और पीली में पट्टियां व कॉटन डाला जाता है। रोज अमृतसर से एक फर्म के कर्मचारी अपनी गाड़ी में कूड़ा डालकर ले जाती है।

कोट्स

शहर में कूड़ा प्रबंधन पर पूरी नजर रखी जा रही है। रोजाना शहर से छह ट्रालियां कूड़ा एकत्रित करके कांजली रोड पर स्थित 20 एकड़ सरकारी जमीन में डंप किया जाता है। इसके बाद नगर निगम के सफाई कर्मचारी कूड़े गीले व सूखे लिफाफे निकालकर निस्तारण के लिए कुष्ट आश्रम के पास बने प्लांट में डालते हैं। कूड़े का खाद बनने के बाद लोगों को मुफ्त में खाद दी जाती है। बाकी का बचा कूड़ा एक महीने बाद करतारपुर रोड पर स्थित गत्ता बनाने वाली फैक्ट्री के कर्मचारी लेकर जाते हैं।

आदर्श शर्मा, ईओ, नगर निगम कपूरथला


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