नहीं मिला मुआवजा, पराली जलाने लगे किसान
मुआवजा नहीं मिलने से कपूरथला में पराली जलाने की घटना बढ़ रही है।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला : प्रदेश सरकार ने पिछले साल पराली नहीं जलाने वाले जिले के 2500 किसानों को मुआवजा राशि जारी नहीं किया है। पराली को जमीन में मिलाने के खर्च से बचने के लिए किसान पराली को खेतों में जलाने लगे हैं। अब तक जिले में 43 से अधिक किसान पराली को आग लगा चुके हैं। राज्य सरकार कोर्ट में लिखित तौर पर कह चुकी है कि उसके पास किसानों को मुआवजा देने के लिए राशि नहीं है।
जिले के किसानों का कहना है कि पराली को खेत में मिलाने पर प्रति एकड़ दो से तीन हजार रुपये का खर्च आता है जबकि सरकार की तरफ से पिछले साल का 2500 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है। फसल के लिए खेत तैयार करने में वक्त भी लगता है। पराली नहीं जलाने वाले 2500 किसानों को मुआवजे का इंतजार
पिछले साल पराली नहीं जलाने पर प्रति एकड़ 2500 रुपये मुआवजा देने की बात की गई थी। जिले में करीब 2500 किसानों ने सरकार की हिदायतों की पालना करते हुए इस भरोसे पर पराली को आग नही लगाई कि 2500 रुपया सरकार से मिल जाएगा। किसानों को अभी तक मुआवजा अभी तक नही मिला है। जिला खेती अधिकारी अश्वनी कुमार का कहना है कि इस बार पराली को जलाने का रुझान बेहद कम है। किसान जागरूक हो चुके हैं। पराली की संभाल के लिए किसानों को सब्सिडी पर मलचर, पलटावे हल, हैपी सीडर व सुपर सीडर आदि दिए गए हैं। कृषि मशीन खरीदने के लिए करीब 350 ग्रुप बनाकर किसानों ने आवेदन किया है जिनको 50 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। किसानों को किया जा रहा जागरूक
कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक डा. युगराज सिह का कहना है कि किसानों ने इस बार पराली की संभाल के लिए पिछले साल के मुकाबले अधिक आवेदन दिया है। फंड ना आने से किसानों को मुआवजा नही मिल सका। इसके बावजूद किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। मुआवजा ना मिलने के बावजूद पराली को जलाने की घटना बेहद कम है। किसानों को फसल की अदायगी के साथ ही मिले मुआवजा राशि : लिट्टा
भारतीय किसान यूनियन कादिया के जिला प्रधान जसबीर सिंह लिट्टा ने कहा कि किसानों को पराली की संभाल करने पर प्रति एकड़ तीन हजार का खर्च आता है। अगर सरकार किसानों को फसल की खरीद के साथ प्रति एकड़ 2500 से 3000 हजार का मुआवजा दे तो किसानों पराली की संभाल को लेकर प्रयास कर सकते हैं। सरकार पराली की संभाल के लिए अहम कदम उठा प्रमुखता से सब्सिडी व प्रबंध में किसानों का साथ दें।
दमा और हार्ट के मरीजों के खतरनाक है धुआं : डॉ. संदीप
डा. संदीप धवन ने कहा कि पराली के धुएं से दमा के मरीज को परेशानी बढ़ेगी। स्कीन इंफेक्शन, हार्ट के मरीज को भी परेशानी होगी। पराली का धुआं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकता है। किसानों को पराली जलाने से परहेज करना चाहिए।