सिद्धू का इस्तीफा न पंजाब के हक में है और न कांग्रेस के हित में : वरमानी
विमल वरमानी ने नवजोत सिंह सिद्धू से मंत्री पद को स्वीकार करने का आग्रह किया है।
संवाद सहयोगी, फगवाड़ा :
कांग्रेस व्यापार सैल पंजाब के प्रदेश महासचिव विमल वरमानी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से बिजली विभाग के मंत्री पद को स्वीकार न करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। आज यहां व्यापार सैल के पदाधिकारियों बलदेव सिंह पाहवा, हरविन्द्र सिंह भोगल तथा सतविन्द्र सिंह भमरा की उपस्थिति में वरमानी ने कहा कि सीएम कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने यदि केवल सिद्धू का ही विभाग बदला होता तो उनकी नाराजगी जायज मानी जा सकती थी लेकिन उन्होंने वरिष्ठ मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा सहित अन्य अनेक मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है जो कि मुख्यमंत्री का अधिकार भी है। सिद्धू को समझना चाहिए कि विद्युत विभाग का भी अपना महत्व है। उन्होंने कहा कि नवजोत सिद्धू एक सूझवान तथा मंझे हुए कांग्रेस नेता है जिनका पार्टी में बहुत सम्मान है अत: उन्हे मुख्यमंत्री के फैसले को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए। अपनी योग्यता के बल पर वे इस विभाग को भी काफी आगे लेकर जा सकते है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होते समय सिद्धू ने कहा था कि कांग्रेस उनकी मां पार्टी है, इसलिए यदि कोई राजनीतिक मतभेद है तो उसे मिल बैठ कर सुलझाया जा सकता है। इस तरह हठ करने से पार्टी का नुकसान हो रहा है जो बिल्कुल भी प्रदेश के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने बड़ी उम्मीदों से कांग्रेस पार्टी को प्रदेश की सत्ता सौंपी है। इसलिए सभी कांग्रेस नेता का कर्तव्य है कि वे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह के हाथ मजबूत करे और प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाए।