श्रद्धा के सैलाब में डूबी नानक की नगरी
हरनेक ¨सह जैनपुरी, सुल्तानपुर लोधी (कपूरथला): हर तरफ सतनाम वाहेगुरु का जयघोष। भक्तो
हरनेक ¨सह जैनपुरी, सुल्तानपुर लोधी (कपूरथला): हर तरफ सतनाम वाहेगुरु का जयघोष। भक्तों की ओर से पवित्र सरोवर व पावन काली बेई में स्नान के लिए उमड़ी भीड़, गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में शीश झुकाने के लिए संगतों की लंबी कतारें और इंताजर में गुरबाणी का जाप कर रहे श्रद्धालुओं की सहनशीलता व श्रद्धा देखने लायक ही थी। श्री गुरु नानक देव जी के हाथों से लगी बेरी का प्रसाद पाने को तो श्रद्धांलुओं ने घंटों झोलियां फैला रखी। ऐसी आस्था व श्रद्धा के सामने हर किसी का शीश झुक जाता था।
यह नजारा नानक की नगरी सुल्तानपुर लोधी के गुरुद्वारा श्री बेर साहिब व गुरु साहिब से जुड़े अन्य गुरुद्वारों का था। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शनिवार को देश विदेश से लाखों संगतों ने सुल्तानपुर लोधी में नतमस्तक होकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने के लिए प्रभु के चरणों में अरदास की। श्रद्धा में डूबी संगतों के लिए सुल्तानपुर लोधी और इस पावन नगरी की तरफ आने वाले हर रास्ते पर छत्तीस प्रकार के पकवानों के दर्जनों लंगर चल रहे थे और प्रत्येक राही को हाथ जोड़ कर लंगर छकने का आग्रह किया जा रहा था। जगह-जगह विभिन्न प्रकार के लंगरों की खुशबू और प्रेम से संगतों की सेवा में जुटे सेवादार हर यात्री को प्रभावित कर रहे थे।
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में दूधिया रोशनियों में नहाए सुल्तानपुर लोधी में भव्य आतिशबाजी भी की गई जिससे पूरी नानक की नगरी गुलाबी हो गई। गुरुद्वारा संत घाट, हट साहिब, अंतर यामता, गुरुद्वारा बेबे नानकी, कोठड़ी साहिब, सेहरा साहिब व गुरु का बाग के दशर्नो के लिए भी संगतें उत्साह से पहुंच रही थी, लेकिन एसजीपीसी की तरफ से सबसे बड़ा आयोजन गुरु साहिब के हाथों से लगी बेरी के वृक्ष वाले गुरुद्वारा बेर साहिब में आयोजित किया गया।
उधर संत बलबीर ¨सह सीचेवाल के कार सेवकों की तरफ से गुरुद्वारा संत घाट से गुरुद्वारा श्री बेर साहिब तक काली बेई के किनारे की गई दीपमाला ऐसे थी जैसे आसमान में सितारे टिमटिमा रहे हो। कई श्रद्धालु बेई में स्नान कर गुरुबाणी जाप करते हुए संगतों को पौधे का प्रसाद बांट रहे थे। रात लगभग डेढ़ बजे श्री आखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए तो उस वक्त गुरुद्वारा बेर साहिब में मौजूद संगतों की तरफ से पुष्प वर्षा कर गुरु साहिब के जन्म दिवस की एक दूसरे को बधाइयां दी गई। भाई मर्दाना हाल में धार्मिक समारोह रात भर चलता रहा।