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अंगदान कर दूसरों के जीवन में लाएं उजाला : अशोक मेहरा

पुर्णजोत वेलफेयर सोसायटी के अशोक मेहरा ने कहा कि भारत में अंगदान कानून बने 26 साल हो गए हैं लेकिन अभी भी हमारे देश में लोग अंगदान नहीं कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 07:42 PM (IST)
अंगदान कर दूसरों के जीवन में लाएं उजाला : अशोक  मेहरा
अंगदान कर दूसरों के जीवन में लाएं उजाला : अशोक मेहरा

संवाद सूत्र, फगवाड़ा : पुर्णजोत वेलफेयर सोसायटी के अशोक मेहरा ने कहा कि भारत में अंगदान कानून बने 26 साल हो गए हैं, लेकिन अभी भी हमारे देश में लोग अंगदान नहीं कर रहे हैं। इसके चलते भारत में 26 सालो के बाद 10 लाख लोगों में से केवल 1 व्यक्ति ही अंगदान करता है।

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उन्होंने कहा कि सरकारी आकड़ों के अनुसार हर साल 1,80,000 किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, लेकिन सिर्फ 6 हजार लोग ही किडनी प्रत्यारोपण करवा पाते हैं। देश में मौजूदा समय में 30 हजार लिवर ट्रासप्लाट की जरूरत है, लेकिन केवल 15 सौ मरीज ही इसका लाभ उठा पा रहे हैं।

मेहरा ने बताया कि देश में 50 हजार मरीजों को हृदय प्रत्यारोपण की जरूरत है, लेकिन देश में सिर्फ 50 मरीज ही हृदय प्रत्यारोपण करवा पाते है। ये आंकड़े हैरान करने वाले है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर धार्मिक, सामाजिक, स्वास्थ्य, राजनीतिक, मीडिया और शैक्षणिक संस्थानों को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि भारत या दुनिया में किसी को भी अंग प्रत्यारोपण के लिए इंतजार ना करना पड़े। अशोक मेहरा ने बताया कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उनकी पत्‍‌नी और उन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपनी आंखें, अंग और शरीर दान करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अंगदान करके हम किसी के जीवन में नए रंग और खुशियां ला सकते है। उन्होंने कहा कि अब तक उनकी ओर से 1 लाख लोगों से मिलकर उनसे आंखे दान करने का पत्र भी भरवाया है और 100 जरूरतमंद लोगों को नेत्र दान भी किए है। वहीं उनकी ओर से करीब 100 लोगों के मरने के उपरांत शरीर दान करने के फार्म भी भरे गए हैं।


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