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डॉक्टर के न पहुंचने पर गर्भ में ही बच्चे की मौत

सिविल अस्पताल कपूरथला में बुधवार सुबह एक डॉक्टर की कथित लापरवाही के कारण गर्भवती महिला के पेट में ही बचे की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 02:12 AM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 02:12 AM (IST)
डॉक्टर के न पहुंचने पर गर्भ में ही बच्चे की मौत

संवाद सहयोगी, कपूरथला। सिविल अस्पताल कपूरथला में बुधवार सुबह एक डॉक्टर की कथित लापरवाही के कारण गर्भवती महिला के पेट में ही बच्चे की मौत हो गई। थाना कोतवाली के तहत गांव बहूई निवासी महिला के पति गुरप्रीत सिंह ने गायनी डॉक्टर सुखविन्दर कौर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि उनकी पत्नी रात भर दर्द से कराहती रही, लेकिन डॉक्टर कथित तौर पर फोन पर ही नर्स को इलाज के लिए बोलती रही। परिवार के सदस्य बुधवार तड़के साढ़े चार बजे गाड़ी से डॉक्टर को उसके घर से लेकर आए लेकिन डॉक्टर गर्भ में पल रहे बच्चे को नहीं बचा सके। गुरप्रीत का आरोप है कि डॉक्टर के समय पर न पहुंचने के कारण डिलीवरी नहीं हो सकी और बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई। शादी के चार साल बाद महिला को पहला बच्चा होने वाला था। परिजनों ने घटना की शिकायत डिप्टी कमिश्नर व सिविल सर्जन से की। इसके बाद डीसी ने तुरंत जांच के आदेश दे दिए। घटना की सूचना के बाद थाना सिटी के एसएचओ परमजीत सिंह और अन्य पुलिस कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पारिवारिक सदस्यों को शांत करते हुए जांच का भरोसा दिया। पुलिसकर्मियों ने आश्वासन दिया कि जो भी जांच में पाया जाएगा उसके तहत डॉक्टर के ़िखला़फ बनती कार्यवाही की जाएगी। वहीं डॉक्टर सुखविदर कौर से बार-बार कोशिश करने के बावजूद संपर्क नहीं हो सका। उसने फोन नहीं उठाया। डॉ. सुखविन्दर व नर्स रजनी की देखरेख में चल रहा था इलाज

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गुरप्रीत सिंह ने कहा कि उसकी 27 वर्षीय पत्नी गुरशरन कौर को उन्होंने 30 जुलाई को सुबह चार बजे सिविल अस्पताल कपूरथला में दा़िखल करवाया था। सुखविन्दर कौर और स्टाफ नर्स रजनी की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था। उसने कहा, मंगलवार को मेरी पत्नी के पेट में •ाोरदार दर्द हुआ और स्टाफ नर्स रजनी ने उसकी जांच की और बताया कि बच्चे की धड़कन धीमी हो गई है। रजनी ने डॉ. सुखविन्दर कौर को ़फोन कर बच्चे की धड़कन के बारे में बताया। सुखविन्दर कौर ने उसको कुछ दवाएं महिला को देने के लिए बताई और ़खुद अस्पताल नहीं पहुंची। गुरप्रीत ने बताया कि इस कारण सारी रात दर्द के कारण पत्नी तड़पती रही।

मंगलवार को ऑप्रेशन कर दिया होता तो बच्चा बच जाता

गुरप्रीत ने कहा कि बुधवार सुबह चार बजे तक पत्नी दर्द से कोई राहत न मिली। हम प्रात 4:30 बजे के करीब डॉक्टर सुखविन्दर कौर को उसके घर से अपनी गाड़ी में बिठाकर लाए, लेकिन ऑप्रेशन से पहले ही बच्चे की पेट में ही मौत हो चुकी थी। डॉक्टर अगर मंगलवार शाम सात बजे ही आप्रेशन कर देती तो बच्चा बच सकता था। हमने एसएमओ डॉ. रीटा बाला से बातचीत की तो उन्होंने भी जब डॉ. सुखविन्दर से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होनें ़फोन नहीं उठाया।

सिविल सर्जन ने सात दिन में मांगी रिपोर्ट

सिविल सर्जन डॉ. जसमीत कौर बावा ने घटना के संबंध में एडिशनल सिवल सर्जन रमेश कुमारी बंगा और डॉ. राज कुमारी •िाला भलाई अ़फसर की जांच टीम बनाकर उन्हें पूरे मामले की जांच करने और सात दिन में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। कोट्स

गर्भवती महिला के परिजनों की शिकायत सिविल सर्जन को भेज दी गई है। पति गुरप्रीत सिंह की तरफ से डॉक्टर सुखविन्दर कौर के ़िखला़फ लापरवाही की शिकायत डीसी दविन्दर पाल सिंह खरबंदा को भी दी गई। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके ़िखला़फ रिपोर्ट तैयार करके डीसी को भेजी जाएगी।

डॉ. रीटा बाला, एसएमओ

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