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खोले गुरू घर के द्वार, पेश की मानवता की मिसाल

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आरसीएफ की निशकाम सेवक कमेटी व सिख संगतों की सेवाओं के बदले नियासरिया का आसरा बन चुका है। दूसरे राज्यों से नौकरी पाने के लिए पहुचे उम्मीदवार

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 07:24 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 07:24 PM (IST)
खोले गुरू घर के द्वार, पेश की मानवता की मिसाल

संवाद सहयोगी, कपूरथला : गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आरसीएफ की निष्काम सेवक कमेटी व समूह सिख संगत ने शनिवार को यहां मानव सेवा की अनूठी मिसाल पेश की। रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में इंटरव्यू के लिए पहुंचे आवेदकों को सड़कों पर सोता देख कमेटी ने न सिर्फ आवेदकों के लिए गुरू घर के दरवाजे खोलते हुए उन्हें यहा ठहराया बल्कि उनके लिए खान-पान से लेकर डॉक्यूमेंट फोटोस्टेट तक सभी सुविधाएं निशुल्क प्रदान कीं। यहां तक की आवेदकों के साथ आए परिवारिक सदस्यों की भी हर प्रकार की जरूरत पूरी की गई। फिर चाहे वह किसी बीमार को दवा देने की बात हो या फिर किसी नौनिहाल की डाइपर की जरूरत। सिख संगत ने हर किसी की मदद की। आरपीएफ भर्ती की इंटरव्यू के लिए यहां पंजाब समेत हरियाणा, हिमाचल, यूपी, दिल्ली, मध्यप्रदेश व राजस्थान से आवेदक आ रहे हैं। 5 मई तक चलने वाली इस प्रक्रिया में आवेदकों और उनके परिवारजनों को सड़कों पर सोता देख निष्काम सेवक कमेटी के प्रधान जगीर सिंह व अन्य सेवादारों ने विचार करके मानवता की सेवा का निर्णय लिया। सेवादार उजल सिंह, मंदीप सिह, दलजीत सिंह, जसवंत सिंह व समूह सिख संगत ने मिलकर मानव सेवा का बीड़ा उठाया और आवेदकों के लिए सभी प्रबंध कर दिए। यहां आकर सीखा मानवता से प्रेम करना

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विभिन्न राज्यों से पहुंचीं चंदरिका जोशी, रीतू यादव मीनाक्षी सहिरावत, सीनू यादव, रिकी चौधरी, गुरप्रीत बैनीपाल, मनूध व अन्य ने बताया कि मानवता से प्रेम कैसा होता है यह उन्होंने यहां आकर सिख संगत से सीखा है। सिख संगत न सिर्फ सरबत के भले की अरदास करती है बल्कि सरबत का भला भी करती है। यह उन्होंने यहां खुद अनुभव किया है। आरसीएफ नहीं करती प्रबंध, दुकानदार बढ़ा देते हैं रेट

आवेदकों के अनुसार उनके यहां ठहरने के लिए आरसीएफ की ओर से कोई भी प्रबंध नहीं किए जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय दुकानदार आवेदकों की मजबूरी को देखते हुए हर वस्तु व सेवा का रेट बढ़ा देते हैं। ऐसे में परेशानी होती है।


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