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कुदरत से नाखुश हुए किसान, मंडियों में भी हो रहे परेशान

पहले ही आर्थिक मंदहाली का शिकार किसानों पर इस बार फिर कुदरत की मार पड़ती दिखाई दे रही है व खराब मौसम को देखते हुए देश का अंन्नदाता कहाने वाला किसान परमात्मा के आगे फरियाद कर रहा है कि अब खैर करना व आने वाले दिनों में बारिश न हो।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:40 PM (IST)
कुदरत से नाखुश हुए किसान, मंडियों में भी हो रहे परेशान
कुदरत से नाखुश हुए किसान, मंडियों में भी हो रहे परेशान

नरेश कद, कपूरथला : पहले ही आर्थिक मंदी का शिकार किसानों पर इस बार फिर कुदरत की मार पड़ती दिखाई दे रही है व खराब मौसम को देखते हुए देश का अन्नदाता कहलाने वाला किसान परमात्मा के आगे फरियाद कर रहा है कि अब खैर करना व आने वाले दिनों में बारिश न हो।

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बीते कुछ दिनों से मौसम में आ रहे बदलाव व तेज चल रही हवाओं ने जहां किसानों की फसल को नुकसान पहुचाया है। वहीं बदल रहे मौसम का मिजाज किसानों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। इस खराब मौसम ने किसानों के माथे पर शिकन ला दी है। खेतों में गेंहू की फसल बिछ जाने के कारण झाड़ भी कम होगा। वहीं गिरी फसल को काटने के लिए कंबाइन आपरेटर भी किसानों से ज्यादा रुपए वसूलेंगे। ऐसे में किसानों को दोहरी मार पड़ती हुई नजर आ रही है। मंडियों में नमी का झंझट बना सिरदर्द

दाना मंडी कपूरथला में अनाज की फसल लेकर आए किसान सुरजन सिंह सेदोवाल ने बताया कि उन्होंने गेंहू की फसल कटवा समय पर ही शेड में रखवा दी है। ताकि मंडियों में जाकर परेशान न होना पड़े। लेकिन दुख की बात यह है कि जब वह मंडी में अपनी गेंहू की फसल लेकर आया तो खरीद ऐजंसियों ने यह बात कहनी शुरु कर दी कि उसकी फसल में नमी है। आढ़तियों ने नमी की बात कह कर फसल का दाना दाना बिखेर दिया है ताकि अनाज को सुखाया जा सके। उन्होंने कहा कि मंडीकरण की सही व्यवस्था के लिए सरकार को ठोस नीति बनानी चाहिए।


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