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वेतन नहीं मिलने पर भड़के अध्यापकों ने की हड़ताल

लगातार 10 महीने के वेतव न मिलने कारण 517

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 06:59 PM (IST)
वेतन नहीं मिलने पर भड़के अध्यापकों ने की हड़ताल

संवाद सहयोगी, कपूरथला : पिछले 10 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण 5178 मास्टर केडर यूनियन अध्यापकों ने डीसी दफ्तर कपूरथला के बाहर लगातार भूख हड़ताल मंगलवार को शुरू कर दी है। भूख हडताल के पहले दिन 5178 अध्यापकों ने जमकर नारेबाजी की और इसके बाद भूख हडताल शुरू कर दी।

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इस मौके पर जिला प्रधान कुशल कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार की लोग विरोधी नीतियों कारण अध्यापक वर्ग में रोष पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 5178 पदों का विज्ञापन जारी करके केवल 2300 अध्यापकों की भर्ती की। अध्यापकों की नियुक्ति नवंबर 2014 में हुई थी। नवंबर 2017 में नियुक्ति पत्र की शर्तो अनुसार इन अध्यापकों ने रेगुलर होना था जबकि सरकार को अक्तूबर 2017 में रेगुलर करने के लिए केस भी मांग लिए थे पर रेगुलर तो क्या करना वेतन को भी रोक दिया गया।

उन्होंने कहा कि अध्यापकों ने शिक्षा मंत्री से मिलकर बातचीत की पर उन्होंने भी आश्वासन के अलावा कुछ नही किया। जिला कनवीनर कमलजीत ¨सह ने बताया कि अध्यापक मुश्लिक हालातों से गुजर रहे हैं बच्चों की दवाइ तक लेने के लिए भी रुपए नही है। परिजन भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हैं। उन्होंने कहा कि खजाना मंत्री मनप्रीत ¨सह बादल ने अध्यापकों की योग्यता व डिग्री का मजाक उड़ाते हुए कभी 10300 पर रेगुलर करने की बात करते हैं तो कभी 18400 पर करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी यूनियन पूरे ग्रेड के नवंबर 2017 से 5178 अध्यापकों को रेगुलर करवा कर रहेगी।

डेमोक्रेटिक कर्मचारी फैडरेशन कपूरथला के जिला कनवीनर कर्म ¨सह व अश्वनी टिबा जिला कनवीनर डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट कपूरथला ने 5178 अध्यापकों की भूख हडताल का समर्थन किया है। अश्विनी टिब्बा ने सरकार को टालमटोल करने वाला बताया। उन्होंने बताया कि सरकार सरकारी स्कूलों के निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रही है। इस मौके शिवाली आनंद, अमृता, शबनम, बलवीर कौर,सुखविन्द्र कौर, मनप्रीत कौर, अमनप्रीत कौर, राजविन्द्र कौर, सरविन्द्र कौर, व सिमरन कौर आदि उपस्थित थे।


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