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कर्नाटक के शिष्टमंडल ने जानी सीचेवाल मॉडल की बारीकियां

करनाटक के जिला कोपल में 24 किलोमीरट लंबी नदी को साफ कर रहे श्री गवीशिधेश्वरा महास्वामी जी के साथ दो और आई सखशीयतों ने वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की ओर से स्थापित किए गए सीचेवाल माडल का निरीक्षण किया। करनाटक के कोपल इलाके में गुजरती हीरेहला नदी की सफाई करने में जुटे स्वामी गवीशिधेशवरा ने बताया कि

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 02:36 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 02:36 AM (IST)
कर्नाटक के शिष्टमंडल ने जानी सीचेवाल मॉडल की बारीकियां
कर्नाटक के शिष्टमंडल ने जानी सीचेवाल मॉडल की बारीकियां

जागरण संवाददाता, कपूरथला : कर्नाटक के जिला कोपल से 24 किलोमीटर लंबी नदी को साफ कर रहे श्री गवीशिधेश्वरा महास्वामी जी के साथ आए दो अन्य सदस्यों ने संत बलबीर सिंह सीचेवाल की ओर से स्थापित किए गए सीचेवाल मॉडल का निरीक्षण किया। अब वह कर्नाटक में सीचेवाल मॉडल को अपना कर कुदरती जल स्त्रोतों को साफ करने की मुहिम शुरू करेंगे।

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कर्नाटक के कोपल इलाके में गुजरने वाली हीरेहला नदी की सफाई में जुटे स्वामी गवीशिधेशवरा ने बताया कि इलाके में पानी का अभाव है तथा फसल पूरी तरह बारिश के पानी पर निर्भर है। कोपल इलाके में पानी को भंडार करने के लिए बडे़-बड़े तालाब हैं जो कि 200 से 300 एकड़ तक के है। पानी की समस्या को हल करने के लिए गार के कारण बंद हो चुकी नदी हीरेहला नदी को साफ काने का काम शुरु किया गया है जिसे फरवरी से अब तक 70 मशीनों के साथ 9 किलोमीटर तक साफ कर लिया गया है। इस बारे में तजुर्बा न होने कारण इस काम को सफल बनाने के लिए इंटरनेट पर खोज की तो बार बार संत बलबीर सिंह सीचेवाल की जानकारी मिली कि उन्होंने 165 किलोमीटर लंबी पवित्र काली बेई को कार सेवकों व जनता के सहयोग से निर्मल किया है। इसके बाद उन्होंने पंजाब आने का फैसला किया।

तीन दिन यात्रा पर आए स्वामी को सेवादार गुरविन्द्र सिंह बोपाराय व पाल सिंह नौली ने सीचेवाल मॉडल, पवित्र काली वेई के पानी की गुणवत्ता, सीचेवाल और सुल्तानपुर लोधी के गंदे पानी को संशोधित कर कैसे खेती के लिए उपयोग किया जाता है, के बारे में जानकारी मुहैया करवाई। रेलवे स्टेशन की बदली नुहार, सीचेवाल कालेज, स्कूल व अवतार रेडियो, सीचेवाल नर्सरी, पाईप फैक्टरी कोटला, गुरुद्वारा टाहली साहिब का दौरा करवाया व अन्य चल रहे सेवा कार्यो की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने गुरुद्वारा बेर साहिब में पवित्र काली बेई किनारे बन रहे सुंदर घाटों की चल रही कार सेवा में भी योगदान दिया। स्वामी गवीशिधेश्वरा ने संत सीचेवाल की ओर से किए जा रहे कार्यो की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकार की सहायता के बिना जो काम संत सीचेवाल ने किए है वह सभी प्रेरणादायक है। स्वामी ने संत सीचेवाल को कोपल आने का निमंत्रण दिया। इस मौके संत सीचेवाल ने स्वामी गवीशिधेश्यवा को सम्मानित किया। गुरुद्वारा टाहली साहिब के दर्शन करने के उपरांत स्वामी को संत दया सिंह ने आयुर्वेदिक दवाइयों बारे बताया गया। महाराष्ट्र से आए शिवायोगी शिवचारिया ने बताया कि स्वामी गवीशिधेश्वरा जी कोपल में गवीमठ के 19वें मुखी है। इस मठ के आजादी से पहले के कई शैक्षिक संस्थान चल रहे है। मौजूदा समय दौरान 15 से अधिक स्कूल, कालेजों में दस हजार से अधिक विद्यार्थी पढ रहे हैं।


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