श्रीकृष्ण के भजनों पर झूमे श्रद्धालु
बंधे बालरूप दामोदर का ¨चतन अवश्य करे। उदर में दाम से बंधे होने से भगवान का नाम दामोदर पड़ा। उखल बंधन की ये लीला कार्तिक मास में हुई थी इस लिए कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहते हैं उपरोक्त भाव मनमोहन जोशी ने कार्तिक मास के उपलक्ष्य में श्री राधेश्याम सेवा मंडल द्वारा श्री मणिमहेश मंदिर से निकाली जा रही 21 प्रभात फेरिओं के क्रम में 14वीं प्रभात फेरी के अवसर पर कहे।ये प्रभात फेरी श्री मणिमहेश मंदिर से चल कर
संवाद सहयोगी, कपूरथला : कार्तिक मास में दिन में एक बार रस्सी (दाम) द्वारा उखल से बंधे बालरूप दामोदर का ¨चतन अवश्य करें। उखल बंधन की ये लीला कार्तिक मास में हुई थी इस लिए कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहते हैं। यह बात मनमोहन जोशी ने कार्तिक मास के उपलक्ष्य में श्री राधेश्याम सेवा मंडल द्वारा श्री मणिमहेश मंदिर से निकाली जा रही 21 प्रभात फेरियों के क्रम में रविवार को निकाली गई 14वीं प्रभात फेरी के अवसर पर कही। प्रभात फेरी मणिमहेश मंदिर से चल कर मुकेश वर्मा के निवास स्थान मुहब्बत नगर पहुंची। जहां इलाका वासियों ने बहुत ही श्रद्धा के साथ पालकी में सुशोभित भगवान श्री राधेकृष्ण का भव्य स्वागत किया। मंडल के सदस्यों ने जब बारी बारी 'मैं तो रटूं श्री राधा राधा नाम बृज की गलियों में, सांवरी सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया, मेरे सद्गुरु तेरी नौकरी, बिहारी घर मेरा ब्रज में' और 'मैनू देयो वधाईयां नी सखियो शाम आ गये मेरे' आदि भजन गाए तो उपस्थित प्रभु प्रेमी भाव विभोर हो गए। कार्यक्रम के समापन पर मंडल की और से मुकेश वर्मा और उनके परिवार को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर चेयरमैन संजीव गुप्ता, कुशाल सूद, रवि अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण, विक्की तिवारी, अशोक अरोड़ा, विजय शर्मा, ज¨तदर चावला, संजीव शर्मा, सन्नी वर्मा, साहिल धीर, विनोद अगरवाल, अमनदीप गोल्डी, नितिन गुप्ता, सचिदानंद तिवारी के इलावा भक्तजन व गणमान्य शामिल थे।