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मॉर्डन जेल अस्पताल में सेहत सुविधाओं की कमी, मरीज बेहाल

थेह काजला रोड पर स्थित 3000 कैदियों व हवालातियों के लिए बनाया गया 50 बेड का अस्पताल पिछले

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 02:10 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:27 AM (IST)
मॉर्डन जेल अस्पताल में सेहत सुविधाओं की कमी, मरीज बेहाल

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अस्पताल में एक्सरे व स्कैनिंग की सुविधा नहीं होने से बीमार कैदियों को किया जाता है रेफर

नरेश कद, कपूरथला

थेह काजला रोड स्थित 3000 कैदियों व हवालातियों के लिए बनाया गया 50 बेड का जेल अस्पताल पिछले आठ सालों से शो पीस बन कर रह गया है। अस्पताल में मेडिकल लैब, स्कैनिंग, एक्सरे मशीन, डाक्टरों, नर्सिग स्टाफ व फार्मासिस्ट की कमी है। हवालातियों व कैदियों को मामूली बीमारी होने पर भी कपूरथला सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। सिविल अस्पताल में कैदी व हवालाती कई कई दिन तक आराम फरमाते हैं और बिना किसी रोक टोक के अपने परिवारिक सदस्यों से मुलाकात करते है। कई कैदी बीमारी का बहाना बनाकर सिविल अस्पताल में रेफर होने के बाद सुरक्षा कर्मियों को चमका देकर अस्पताल से फरार हो जाते हैं।

2011 में कैदियों ने अस्पताल में लगा दी थी आग

उल्लेखनीय है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 2011 में कपूरथला व जालंधर के हवालातियों व कैदियों के लिए थेह काजला रोड पर बनाई गई मॉडर्न जेल का उद्घाटन किया था। कैदियों के इलाज के लिए 50 बेड का अस्पताल बनाने के साथ-साथ डाक्टरों की सुविधा के लिए मेडिकल लैब, एक्सरे मशीन, स्कैनिंग सेंटर के अलावा अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई थी ताकि जेल में बंद कैदियों व हवालातियों का इलाज जेल में बनाए गए इस अस्पताल में ही किया जा सके। लेकिन 2011 में जेल में हुए गैंगवार के बाद एक कैदी की मौत को लेकर हुए लड़ाई के दौरान कैदियों ने जेल में तोड़फोड़ की थी तथा जेल अस्पताल में आग लगा दिया था। इसके चलते प्रदेश सरकार को करोडों का नुकसान हुआ। सरकार ने जेल अस्पताल में कैदियों की सुविधाओं के लिए दवाइयां व 50 नए बेड तो लगाए दिए गए लेकिन अन्य जरुरी सुविधाओं की अनदेखी की गई।

3000 कैदियों के इलाज के लिए सिर्फ तीन डॉक्टर

जेल में बंद 3000 कैदियों व हवालातियों के इलाज के लिए सिर्फ तीन डाक्टर है। महिला कैदी व हवालातियों के लिए अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। बीमार होने पर महिला कैदियों को कपूरथला के सिविल अस्पताल में रेफर करना पड़ता है।

इस समय जेल में बंद करीब तीन हजार कैदियों व हवालातियों के लिए तीन डाक्टरों की कमी के साथ-साथ नर्सिग स्टाफ व फार्मासिस्ट की कमी भी है। अस्पताल में एक्सरे मशीन, स्कैनिंग सेंटर, मेडिकल लैब का प्रबंध न होने के कारण कैदियों व हवालातियों के जरुरी टैस्ट नही हो पाते। कई बार गंभीर कैदियों को अस्पताल में लाने के लिए जेल के पुलिस कर्मचारियों को बीमार कैदियों के साथ आना पड़ता है जिसके कारण जेल में पुलिस कर्मचारियों की संख्या भी कम हो जाती है। इस समय मॉडर्न जेल के अस्पताल में एक क्लास फोर कर्मचारी, तीन स्टाफ नर्स, तीन फार्मासिस्ट और तीन डॉक्टरों की कमी है।

अस्पताल में सेहत सुविधा मुहैया करवाए सरकार : डॉ. अभिषेक

इस संबंध में मार्डन जेल अस्पताल के डा. अभिषेक गिल का कहना है कि जेल अस्पताल में डाक्टर, नर्स फार्मासिस्ट की कमी होने के साथ साथ मेडिकल लैब, स्कैनिग सेंटर, एक्सरा, मशीन आदि सरकार उपलब्ध नही है। बीमार कैदियों को बार बार रैफर करने की जरुरत पड़ती है। यदि अस्पताल में लैब का निर्माण करवा दिया जाए तो काफी हद तक समस्या का हल हो सकता है।

सुविधा मुहैया करवाने को लेकर सरकार को लिखा गया है : सुपरिटेंडेंट

इस संबंध में जेल सुपरिटेंडेंट एसपी खन्ना का कहना है कि जेल में बनाए गए अस्पताल में जरुरी सुविधाएं नहीं होने के कारण मजबूरन कैदियों व हवालातियों के इलाज के लिए उन्हें सिविल अस्पताल में रेफर करना पडता है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर सरकार को जेल अस्पताल में सभी जरुरी सुविधा मुहैया करवाने के लिए लिखित तौर पर अवगत करवाया जाता है। इस संबंध में सरकार को पत्र भी लिखा गया है। मॉडर्न जेल मे जब भी कोई उच्चाधिकारी निरीक्षण के लिए आते हैं तो समस्या उनके ध्यान में लाया जाता है। लेकिन अभी तक सरकार द्वारा अस्पताल में जरुरी सुविधाए मुहैया नही करवाई गई है।


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