मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
संवाद सूत्र, फगवाड़ा : करीब दो वर्ष पहले जीटी रोड पर हिट एंड रन मामले का शिकार हुए भ
संवाद सूत्र, फगवाड़ा : करीब दो वर्ष पहले जीटी रोड पर हिट एंड रन मामले का शिकार हुए भगतपुरा के युवक जिसकी उक्त हादसे में मौत हो गई थी, के पारिवारिक सदस्यों ने पुलिस की तरफ से सबूतों को खुदबुर्द करके कथित तौर पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है। बुधवार को पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मृतक रोहित कुमार के पिता प्रवीण कुमार व चाचा जगदीश कुमार वासी गल नंबर 1 भगतपुरा ने बताया कि 15 जुलाई 2016 को शाम करीब 6 बजे रोहित अपने दोस्तों के साथ घर से गया था। देर शाम करीब 8 बजे उनको सूचना मिली कि कोई कार चालक रोहित को जीटी रोड बस स्टैंड के नजदीक फेट मार गया है। जिस समय ये हादसा हुआ, उस समय दीपक पुत्र गुरदेव सिंह वासी गली नंबर 1 मोहल्ला भगतपुरा फगवाड़ा भी रोहित कुमार के साथ था। मौके पर मौजूद व्यक्तियों ने कार का नंबर भी पुलिस को बता दिया था। आरोप लगाया कि पुलिस कर्मचारियों ने केस मजबूत करने का झांसा देकर रोहित कुमार के चाचा जगदीश कुमार का फर्जी बयान लिखा कर व उसके शिकायत दर्ज करवाकर थाना सिटी फगवाड़ा में मामला नंबर 119 दिनांक 16 जुलाई 2016 दर्ज कर लिया।
मृतक के पिता प्रवीण कुमार ने बताया कि पुलिस ने गाड़ी का नंबर बताए जाने के बावजूद एफआइआर में इसका जिक्र नहीं किया। पुलिस चेक पोस्ट शुगर मिल चौक में लगे सीसीटीवी कैमरों की वारदात के बाद की रिकार्डिग को जानबूझ कर डिलीट किया गया, क्योंकि उक्त मामले की अनट्रेस रिपोर्ट तैयार करने वाले व पंजाब पुलिस से बर्खास्त किए जा चुके एसएचओ इंद्रजीत सिंह ने अपनी तफतीश में लिखा है कि सीसीटीवी कैमरों में गाड़ी की लाइटें पड़ने कारण नंबर पढ़ा नहीं जा सका। इसी केस की तफतीश दौरान पुलिस ने स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी से पीड़ित परिवार की तरफ से बताए जा रहे उक्त नंबर की मालिकी प्रूव करवाने के लिए शिकायत नंबर 1072-5 ए दिनांक 28 अगस्त 2017 दी थी, परंतु अनट्रेस रिपोर्ट में इस संबंधी कोई जिक्र नहीं है। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार बस स्टैंड के नजदीक शाम के समय काफी भीड़ होती है जिस कारण मौके से सड़क हादसे कारण गाड़ी को तेज रफ्तार के साथ भगाकर ले जाना संभव नहीं। इसके बाद उक्त इलाके में शुगर मिल चौक पर बस स्टैंड के सामने दो पुलिस चेक पोस्ट है। इससे स्पष्ट होता है कि पुलिस के मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने आरोपित को मिलीभगत के चलते हादसे के बाद भागने का मौका दिया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री पंजाब को भी गुहार लगाई गई जिस पर सीएम कार्यालय की तरफ से गृह मामले न्याय व जेल विभाग पंजाब को लिखा गया, परंतु अब तक उन्हें न्याय नहीं मिला। उन्होंने डीजीपी पंजाब व मानव अधिकार कमिशन पंजाब के अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इंसाफ की मांग करते हुए कहा कि उनके बेटे रोहित कुमार के कातिल व उसको बचाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।