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7 महीनों से दुबई के जेल में बंद भुलत्थ का युवक वापस लौटा

संवाद सहयोगी, कपूरथला : अपने सुनहरे भविष्य के सपने को साकार करने के लिए जुलाई 2017 में

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 08:15 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 08:15 PM (IST)
7 महीनों से दुबई के जेल में बंद भुलत्थ का युवक वापस लौटा

संवाद सहयोगी, कपूरथला :

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अपने सुनहरे भविष्य के सपने को साकार करने के लिए जुलाई 2017 में फर्जी एजेंट के चुंगल में फंस कर भुलत्थ का युवक खुश¨वदर ¨सह दुबई गया था जो कि नवंबर-2017 में लापता हो गया था। पारिवारिक सदस्यों की ओर से खुश¨वदर ¨सह के लापता होने की शिकायत नवंबर-2017 को एसएसपी संदीप शर्मा को दी गई लेकिन ढीली कार्यप्रणाली के कारण पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची जिसके कारण परिवार को मीडिया का सहारा लेना पड़ा। खुश¨वदर ¨सह की तलाश के लिए लापता होने की खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने के बाद दुबई में भारतीय दूतावास के अधिकारी रुप ¨सह, सिरसा अकाली लीडर मन¨जदर ¨सह की मदद से खुश¨वदर की दुबई में तलाश की गई। अप्रैल-2018 में पता चला की खुश¨वदर ¨सह दुबई की अजमान जेल में फर्जी कागजात पाए जाने के मामले में बंद था। पता चलने के बाद भारतीय दूतावास के अधिकारी रुप ¨सह व अन्य सदस्यों के सहयोग के साथ खुश¨वदर ¨सह को 1 जून को वापस भुलत्थ भेज दिया। खुश¨वदर ¨सह के वापस आने पर पारिवारिक सदस्यों में खुशी की लहर है। उसकी माता परमजीत कौर ने दैनिक जागरण का आभार व्यक्त किया।

उल्लेखनीय है कि परमजीत कौर पत्नी बख्शीश ¨सह निवासी वार्ड नंबर-13, भुलत्थ ने एसएसपी संदीप शर्मा को दी अपनी शिकायत में बताया था कि गत वर्ष मई के महीने में उसके 23 वर्षीय बेटा खुश¨वदर की शादी तरनतारन के गांव सकरी में हुई थी। शादी के दो महीने के बाद एजेंट मनदीप ¨सह निवासी लुधियाना के साथ दुबई जाने के लिए 1 लाख 90 हजार रुपये में बात तय हुई थी। उन्होंने बताया कि उक्त एजेंट की ओर से 26 जुलाई 2017 को उसके बेटे खुश¨वदर ¨सह को यह कर दुबई भेज दिया कि उसका वहां पक्के तौर पर काम बना दिया है। परंतु दुबई पहुंचने पर खुश¨वदर ¨सह ने फोन पर बताया कि उसको वर्क पर्मिट पर नहीं, बल्कि तीन महीने के विजिटर वीजे पर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि अंतिम बार 14 नवंबर 2017 को खुश¨वदर का फोन आया था। परंतु इसके बाद उसका कोई फोन नहीं आया। 20 नवंबर 2017 को खुश¨वदर ¨सह के किसी दोस्त का उन्हें फोन आया कि खुश¨वदर ¨सह का पासपोर्ट व कपड़े उनके कमरे में है। परंतु खुश¨वदर ¨सह का कोई पता नहीं लग रहा है। उन्होंने कहाकि उसके दोस्त की ओर से हैदर अली नाम के व्यक्ति से, जिसके पास खुश¨वदर ¨सह काम करता था, के बारे में पूछा तो उसने कहाकि उसने खुश¨वदर को भारत भेज दिया है। लेकिन खुशविंदर ¨सह के भारत न पहुंचने पर और उसका फोन भी बंद आने के कारण पारिवारिक सदस्यों द्वारा इसकी सूचना थाना भुलत्थ की पुलिस को दी गई थी।


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